महाराष्ट्र

महाराष्ट्र में बनेगा अंतरराष्ट्रीय स्तर का म्यूजियम

Rani Sahu
28 Sep 2022 2:15 PM GMT
महाराष्ट्र में बनेगा अंतरराष्ट्रीय स्तर का म्यूजियम
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मुंबई। सांस्कृतिक कार्य मंत्री सुधीर मुनगंटीवार (Sudhir Mungantiwar) ने कहा कि महाराष्ट्र राज्य के संपूर्ण सांस्कृतिक वैभव को प्रदर्शित करने वाला राज्य म्यूजियम तैयार किया जाएगा। वे मंत्रालय में राज्य संग्रहालय बनाने को लेकर आयोजित बैठक में बोल रहे थे। बैठक में सांस्कृतिक कार्य विभाग के सचिव सौरभ विजय, उपसचिव विलास थोरात, विद्या वाघमारे, पुरातत्व विभाग के निदेशक डॉ. तेजस गर्गे, आर्किटेक्ट राहुल गोरे आदि मौजूद थे।
मंत्री मुनगंटीवार ने कहा कि कई राज्यों ने अपने संग्रहालय बनाए हैं। अपने संग्रहालय में राज्य के इतिहास, कला और संस्कृति को दर्शाया जाएगा। महाराष्ट्र राज्य संग्रहालय के निर्माण करते वक्त महाराष्ट्र (Maharashtra) की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक इतिहास और प्रगति को प्रदर्शित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पाषाण युग से आधुनिक काल तक महाराष्ट्र की गौरवशाली यात्रा प्रदर्शित करने वाले अंतरराष्ट्रीय स्तर के संग्रहालय की स्थापना करने के लिए संचालनालय के मार्फत तत्काल कार्रवाई शुरू की जाए। साथ ही तत्काल देश के सर्वोत्तम संग्रहालय का निरीक्षण और अध्ययन किया जाए। मुनगंटीवार ने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो हम बिहार संग्रहालय और स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी भी जाएंगे।
सभी नाट्यगृहों के लिए टाइप प्लान
मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने नाट्यगृहों (theaters) के आधुनिकीकरण और अद्यतनीकरण करते हुए सभी नाट्यगृहों के लिए एक टाइप प्लान (नमूना नक्शा) तैयार करने के निर्देश दिए। वे मंत्रालय में आयोजित समीक्षा बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि सभी नाट्यगृहों के लिए टाइप प्लान तैयार करते समय बैठने की क्षमता के हिसाब से प्लानिंग की जाए। आमतौर पर 400, 600, 800 और 900 सीट क्षमता की आवश्यकताओं का अध्ययन किया जाना चाहिए। आमतौर पर प्रत्येक थिएटर के लिए 4 करोड़ से 10 करोड़ रुपए की आवश्यकता होती है और इस बात की योजना तैयार की जानी चाहिए कि निधि कैसे प्रदान की जाए। साथ ही निधि वितरण के चरण भी तय किए जाएं। उन्होंने कहा कि राज्य में फिलहाल 83 नाट्यगृह हैं। इनमें से 28 थिएटर निजी हैं, जबकि 51 थिएटर स्थानीय निकायों के अधिकार क्षेत्र में हैं और 4 थिएटर राज्य सरकार के हैं। प्रौद्योगिकी परिवर्तन के रूप में इन सभी थिएटरों को अगले 10 वर्षों में आधुनिक बनाने की आवश्यकता है।
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