महाराष्ट्र

इंद्राणी मुखर्जी आज हो सकती है जेल से रिहा, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सीबीआई कोर्ट ने दी सशर्त जमानत

Renuka Sahu
20 May 2022 2:58 AM GMT
Indrani Mukerjea may be released from jail today, after Supreme Courts decision, CBI Court granted conditional bail
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फाइल फोटो 

अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या के मामले में छह साल से जेल में बंद इंद्राणी मुखर्जी सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद शुक्रवार को जेल से बाहर आ सकती हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या के मामले में छह साल से जेल में बंद इंद्राणी मुखर्जी सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद शुक्रवार को जेल से बाहर आ सकती हैं। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ट्रायल कोर्ट को जमानत की कार्यवाही पूरी करने के आदेश के बाद सीबीआई ने इसके लिए दो लाख के कैश बांड जमा करने के निर्देश दिए।

मुखर्जी फिलहाल मुंबई की भायखला महिला जेल में बंद हैं। उन्हें अपनी बेटी शीना बोरा (24) की हत्या में कथित संलिप्तता को लेकर अगस्त 2015 में गिरफ्तार किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने बुधवार को मुकदमे की सुनवाई कर रही विशेष सीबीआई अदालत को निर्देश दिया था कि इंद्राणी की जमानत की शर्तों को अंतिम रूप दे। कोर्ट ने यह भी सुझाव दिया था कि जमानत की शर्तें उनके पूर्व पति और सह-आरोपी पीटर मुखर्जी पर लगाई गई शर्तों के समान हों, जो मार्च 2020 में जमानत पर जेल से बाहर आए थे।
पीटर मुखर्जी को बॉम्बे हाई कोर्ट ने दो लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दी थी और जांच में हस्तक्षेप नहीं करने या सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करने को कहा था।
सीबीआई के विशेष जज वीसी बर्डे ने बृहस्पतिवार को इंद्राणी मुखर्जी को दो सप्ताह में दो लाख के बांड जमा करने के निर्देश देते हुए कहा कि जितनी जल्द वह कैश बांड भर देंगी, उन्हें जमानत मिल जाएगी। उधर, इंद्राणी की वकील सना रईश शेख ने कहा कि सीबीआई कोर्ट का यह आदेश चार बजे आया और एक घंटे के भीतर जमानत संबंधी कागजी कार्यवाही पूरी कर ली गई।
सीबीआई कोर्ट ने तय कीं यह शर्तें
सीबीआई कोर्ट ने इंद्राणी मुखर्जी को आदेश दिया कि उन्हें अपना पासपोर्ट जमा करना होगा और बिना कोर्ट की इजाजत भारत नहीं छोड़ सकती। इस दौरान वह किसी गवाह से संपर्क कर प्रभावित करने की कोशिश भी नहीं करेंगी। उन्हें सुनवाई में आना होगा, जिसमें रियायत नहीं मिलेगी। अगर इन शर्तों की अवहेलना होती है तो अभियोग पक्ष जमानत रद्द करने के लिए याचिका दायर कर सकता है।
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