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कल्याण पश्चिम से लेकर कल्याण पूर्व सभी जगह सड़कों (Roads ) पर गैरेज (Garages ) वालों के द्वारा वाहनों की अवैध पार्किंग (Illegal Parking) और दुकानदार, कारोबारियों के समान से सड़कों पर कब्जा (Occupied) किए जाने से राहगीरों का चलना मुश्किल हो गया गया और नागरिक (Citizens ) भारी परेशान हैं
कल्याण : कल्याण पश्चिम से लेकर कल्याण पूर्व सभी जगह सड़कों (Roads ) पर गैरेज (Garages ) वालों के द्वारा वाहनों की अवैध पार्किंग (Illegal Parking) और दुकानदार, कारोबारियों के समान से सड़कों पर कब्जा (Occupied) किए जाने से राहगीरों का चलना मुश्किल हो गया गया और नागरिक (Citizens ) भारी परेशान हैं। संबधित विभाग से कार्रवाई कर सड़क मुक्त कराने की मांग कर रहे हैं।
सड़क के किनारे लोगों के चलने के लिए रास्ता नहीं बचा
कल्याण पश्चिम स्टेशन के सामने स्मार्ट सिटी के तहत विकास कार्य चल रहा हैं। जिससे यातायात जाम की स्थित बनी रहती हैं। इसके अलावा बैल बाजार से मेट्रो मॉल तक मेट्रो मॉल से सुचक नाका, सुचक से चक्की नाका से तीसगांव तीसगांव से विट्ठलवाड़ी से श्रीराम चौक सड़क के दोनों ओर पूरे फुटपाथ-सड़क पर कबाड़, निर्माण सामग्री के धंधे, मुर्गे और अन्य के साथ दुपहिया गैरेज चारपहिया गैरेजों ने कब्जा कर रखा है। जिससे आम लोगों के लिए सड़क के किनारे चलने के लिए सड़क नहीं बचती है कई रिक्शा चालक अपने रिक्शा बीच में खड़े कर यात्रियों को उतार देते हैं जिससे दुर्घटना की संभावना बनी रहती है।
संबंधित विभाग की ओर से सभी जगहों पर पक्की सड़क बनाने का कार्य चल रहा है। कई जगह आंशिक कार्य चल रहा है। सड़क के दोनों ओर के मध्य भाग तक सड़क किनारे, पत्थरों, बजरी और रेती की गाड़ियों का साम्राज्य है। महानगरपालिका के संबंधित विभाग की ओर से एमएमआरडीए, एमएसआरडीसी विभाग की ओर से शहरों में सड़क चौड़ीकरण का कार्य किया जा रहा है नई सीमेंट कंक्रीट सड़क का कार्य किया जा रहा है। नागरिकों का सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या आरटीओ परिवहन विभाग कल्याण शहर में यातायात व्यवस्थित करने के लिए क्या कर रहा है?।-
कई घंटों तक जाम रहता है
कल्याण में यह तस्वीर देखने को मिलती है कि सड़कें और फुटपाथ तो सिर्फ कागजों पर हैं और असल में इन चीजों का आम नागरिकों से कोई लेना-देना नहीं है। नागरिकों ने सवाल किया है कि संबंधित क्यों कोई कार्रवाई करता हैं। यह बहुत दुखद है कि इन सबके बावजूद पार्टी के विभिन्न संगठन इस पर कोई आवाज नहीं उठा रहे हैं। कर-भुगतान करने वाले, मतदान करने वाले नागरिकों को एक मामूली उम्मीद है कि उन्हें कम से कम शहरों के फुटपाथ-सड़कों पर चलने का अधिकार है। स्कूल की छुट्टी के बाद सुबह, दोपहर और शाम के समय कहीं-कहीं आधे घंटे तक जाम रहता है और निजी स्कूलों के मालिकों को स्वयं स्वयंसेवकों को रखना पड़ता है। आम नागरिकों की मांग है कि सांसद, विधायक, कमिश्नर, सामाजिक कार्यकर्ता, विभिन्न दलों के पदाधिकारी, अधिकारी, पुलिस यातायात एक साथ आएं और स्थायी समाधान निकालने के लिए कार्रवाई करें।
Rani Sahu
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