महाराष्ट्र

हिम्मत है तो मैदान में आओ: ठाकरे

Rani Sahu
13 Oct 2022 3:27 PM GMT
हिम्मत है तो मैदान में आओ: ठाकरे
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मुंबई। शिवसेना में फूट पड़ने के बाद उद्धव ठाकरे गुट और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के गुट के बीच तनातनी तेज हो गई है। उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने शिंदे गुट का नाम लिए बगैर कहा कि आज हमें हर चीज के लिए अदालत जाना पड़ रहा है। हिम्मत है तो मैदान में आओ। हम जंग के लिए तैयार हैं। शिवसेना ने कई तूफान झेले हैं, अब शरद पवार हमारे साथ हैं, जो तूफान पैदा करते हैं। शिवसेना का जन्म लड़ने के लिए हुआ है और शिवसेना शॉक प्रूफ हो चुकी है। ठाकरे गुरुवार को षणमुखानंद सभागार में राकांपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री छगन भुजबल (Chhagan Bhujbal) के 75वें जन्मदिन के मौके पर आयोजित समारोह में बोल रहे थे।
भुजबल के जाने से लगा था बड़ा झटका
उन्होंने शिंदे गुट और भाजपा को चुनौती देते हुए कहा कि अब मैं मैदान में उतर चुका हूं। हमें मैदान कैसे न मिले, इस पर ध्यान देने की बजाय मैदान में आओ। ठाकरे ने कहा कि यदि छगन भुजबल ने शिवसेना नहीं छोड़ी होती तो वे पहले ही मुख्यमंत्री बन गए होते। उनका शिवसेना छोड़ना हमारे लिए बड़ा झटका था। इस झटके से संभलने में हमें वक्त लग गया, लेकिन भुजबल ने एक अच्छा काम यह किया कि बाला साहेब के रहते सारे मतभेद मिटा दिए। उद्धव ने भुजबल की तारीफ करते हुए कहा कि भुजबल अकेले शिवसेना छोड़ कर गए थे पर महाविकास आघाडी की स्थापना के वक्त वे कांग्रेस-राकांपा को साथ लाए।
... तो आज ठाकरे मुख्यमंत्री होते
कार्यक्रम में राकांपा अध्यक्ष शरद पवार, जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला, गीतकार जावेद अख्तर, वरिष्ठ राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल, कांग्रेस विधायक दल के नेता बाला साहेब थोरात आदि मौजूद थे। इस कार्यक्रम के लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) को भी आमंत्रित किया गया था, पर वे दोनों नेता नहीं आए। इस मौके पर विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार ने कहा कि राजनीतिक मतभेद भुलाकर यदि मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहते और भुजबल के बारे में बोले होते तो महाराष्ट्र की राजनीतिक संस्कृति में और निखार आता। उन्होंने कहा कि छगन भुजबल कड़ी मेहनत करना जानते हैं। शिवसेना के 15 विधायक साथ छोड़कर चले गए, अगर उद्धव ठाकरे भुजबल को विधायकों को वापस लाने की जिम्मेदारी देते तो वे सभी को वापस लाते और उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री होते।
भगवान राम सबके हैं फारुख अब्दुल्ला
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा का नाम लिए बगैर कहा कि भगवान राम के नाम पर शोर करने वालों से मैं कहना चाहता हूं कि भगवान राम केवल हिंदुओं के नहीं हैं बल्कि सबके हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक भारत को मजबूत करना है। धर्म आपस में बैर करना नहीं सिखाता। मैं मुसलमान हूं पर भारतीय मुसलमान हूं। जीना यहां मरना यहां, इसके सिवा जाना कहां।

Source : Hamara Mahanagar

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