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वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) तथा निजी कंपनी केपीआईटी लिमिटेड द्वारा स्वदेश विकसित एक ‘हाइड्रोजन ईंधन सेल’ बस का रविवार को पुणे में परिचालन शुरू किया गया
पुणे। वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) तथा निजी कंपनी केपीआईटी लिमिटेड द्वारा स्वदेश विकसित एक 'हाइड्रोजन ईंधन सेल' बस का रविवार को पुणे में परिचालन शुरू किया गया। इस अवसर पर केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'हाइड्रोजन विजन' का उद्देश्य देश को स्वच्छ ऊर्जा में आत्मनिर्भर बनाना, जलवायु परिवर्तन के लक्ष्यों को पूरा करना और इस क्षेत्र में रोजगार सृजित करना है।
सिंह के हवाले से एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि ईंधन सेल हाइड्रोजन और हवा का उपयोग करके बिजली उत्पन्न करता है जिसका इस्तेमाल बस को संचालित करने के लिए किया जाता है। इससे बाद में मात्र पानी निकलता है जिससे यह संभवतः परिवहन का सर्वाधिक पर्यावरण अनुकूल साधन बन जाती है।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि तुलनात्मक रूप से, लंबी दूरी के मार्गों पर डीजल चालित बस आमतौर पर सालाना 100 टन कार्बन डाईआक्साइड का उत्सर्जन करती है और भारत में ऐसी 10 लाख से अधिक बसें हैं। उन्होंने कहा कि हाइड्रोजन ईंधन सेल ट्रकों के परिचालन पर आने वाली लागत डीजल चालित ट्रकों की तुलना में कम है और इससे देश में माल ढुलाई के क्षेत्र में क्रांति आ सकती है।
उन्होंने कहा, ''लगभग 12-14 प्रतिशत कार्बन डाईआक्साइड उत्सर्जन डीजल से चलने वाले भारी वाहनों से होता है। हाइड्रोजन ईंधन सेल वाहन इस क्षेत्र में सड़क पर होने वाले उत्सर्जन को खत्म करने के लिए परिवहन के उत्कृष्ट साधन उपलब्ध कराते हैं।''
Rani Sahu
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