महाराष्ट्र

अस्पताल में आग मामला: डॉक्टरों व स्टाफ नर्सों पर सख्त कार्रवाई, मेडिकल अफसर और 3 नर्स गिरफ्तार

Kunti Dhruw
9 Nov 2021 5:55 PM GMT
अस्पताल में आग मामला: डॉक्टरों व स्टाफ नर्सों पर सख्त कार्रवाई, मेडिकल अफसर और 3 नर्स गिरफ्तार
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अहमदनगर में जिला अस्पताल में आग मामले में डॉक्टरों व स्टाफ नर्सों पर सख्त कार्रवाई की गई है।

अहमदनगर में जिला अस्पताल में आग मामले में डॉक्टरों व स्टाफ नर्सों पर सख्त कार्रवाई की गई है। पुलिस ने मेडिकल अफसर, तीन नर्सों को लापरवाही के आरोप में गिरफ्तार किया है. महाराष्ट्र स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा था कि जिला सर्जन सुनील पोखरना, चिकित्सा अधिकारी सुरेश ढकने, चिकित्सा अधिकारी विशाखा शिंदे, स्टाफ नर्स सपना पठारे को निलंबित कर दिया गया है जबकि स्टाफ नर्स अस्मा शेख और चन्ना अनंत की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं।

ऑक्सीजन सिलिंडर से हटाना जानलेवा साबित हुआ
महाराष्ट्र के अहमदनगर सिविल अस्पताल के आईसीयू में शनिवार की सुबह लगी आग के बीच मरीजों को आग से बचाने के लिए उन्हें वेंटिलेटर और ऑक्सीजन सिलिंडर से हटाना जानलेवा साबित हुआ। दमकलकर्मी धुएं की वजह से अस्पताल के मुख्य द्वार से प्रवेश नहीं कर सके। दमकल विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि अफरा-तफरी, लोगों की चीख-पुकार और दहशत के माहौल में अग्निशमन विभाग के जवानों ने खिड़कियों के कांच तोड़कर आग बुझाने की कोशिश की।
एक अधिकारी ने दावा किया कि अधिकतर रोगी वरिष्ठ नागरिक थे और उनमें से अधिकतर वेंटिलेटर या ऑक्सीजन पर थे। इस वजह से बचाव अभियान और जटिल हो गया। सुबह करीब 11 बजे आग लगने के बाद मौके पर सबसे पहले पहुंचने वाले अधिकारी के अनुसार, आईसीयू में कोरोना संक्रमित करीब 20 रोगियों का इलाज चल रहा था। उन्होंने बताया कि वेंटिलेटर या ऑक्सीजन पर 15 मरीज थे।
अधिकारी ने कहा, उन्हें बचाना प्राथमिकता थी, लेकिन उनकी जटिल हालत की वजह से ऑक्सीजन सपोर्ट हटाना और बाहर निकालना मुश्किल फैसला था। अधिकारी के अनुसार, 'विचार-विमर्श के बाद हमने उन्हें किसी भी तरह बाहर लाने का फैसला किया और बाद में ऑक्सीजन या अन्य प्रणालियों पर वापस रखने का निर्णय लिया।
केंद्रीय मंत्री डॉ. भारती पवार ने कहा, जांच समिति राज्य और केंद्र को सौंपेगी रिपोर्ट
केंद्रीय मंत्री डॉ. भारती पवार ने शनिवार को कहा कि आग की घटना की जांच के लिए एक छह सदस्यीय जांच समिति गठित की गई है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री पवार ने दोपहर में अस्पताल का दौरा किया था।
उसके बाद उन्होंने कहा कि कोविड-19 से पीड़ित 17 मरीज आईसीयू में भर्ती थे। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, आग लगने के बाद इन मरीजों को वहां से हटाया गया। हालांकि उनमें से 11 मरीजों की मौत हो गई। मुझे इसका दुख है। मैंने छह मरीजों और उनके परिजनों से मुलाकात की है। इन मरीजों का उपचार चल रहा है। एक जांच समिति बनाई गई है। समिति के रिपोर्ट देने के बाद तस्वीर साफ हो जाएगी।
एक सवाल के जवाब में पवार ने कहा कि केंद्र सरकार अस्पतालों को दमकल सुरक्षा ऑडिट के लिए नियमित रूप से निर्देश भेजती है। मंत्री ने कहा, रिपोर्ट का इंतजार है और दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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