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धुलिया : शहर के हिरे शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय और सर्वोपचार अस्पताल (Hospital) की स्वच्छता (Sanitation) का विषय नासूर बन गया है। हर वर्षी सरकार की ओर से दी जाने वाली करोड़ों की निधि कहां जाती है, ऐसा सवाल यहां के लोग उठा रहे हैं। कहा जा रहा है कि अस्पताल की स्वच्छता और अस्पताल के रखरखाव के लिए आने वाली धनराशि डकार ली जाती है। अस्पताल में इलाज कराने के लिए आए मरीजों को जरूरी सुविधा का लाभ नहीं मिल पाता, इसलिए लोगों का कहना है कि यह अस्पताल भ्रष्टाचार (Corruption) का केंद्र बन गया है। बताया जा रहा है कि वर्षो से एक ही विभाग में काम करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के कारण ही यह अस्पताल भ्रष्टाचार में आकंठ डूबा हुआ है। अस्पताल में व्याप्त अव्यवस्था और अस्वच्छता से कारण शिवसेना ने आंदोलन करने की तैयारी दर्शायी है और रुग्णालय में अपने पैसे से स्वच्छता अभियान चलाने का निर्णय लिया है। शिवसेना जिला प्रमुख, शिवसेना के पदाधिकारियों समेत 50 शिवसैनिक हर सप्ताह अस्पताल के प्रत्येक वार्ड में स्वच्छता अभियान चलाएंगे।
जगह-जगह ड्रेनेज लाइन जाम
500 बिस्तरों वाले इस अस्पताल को हर वर्ष जिला योजना समिति के माध्यम से करोड़ रुपए प्राप्त होते हैं। दो दिन पहले मेल आईसीयू वार्ड से सटे रेजीडेंसी आरएमओ रूम में एक इंटर्न एमडी मेडिसिन छात्र को सांप ने काट लिया था। मामला दबा दिया गया। इस अस्पताल के बरामदे में हजारों टन कचरा जमा है और अस्पताल में शौचालय और स्नानघर की स्थिति तो इतनी खराब है कि इसके बारे में कुछ भी न कहा जाए तो वही बेहतर होगा। जगह-जगह ड्रेनेज लाइन जाम है। कुछ सफाई कर्मी काम करते हुए दिखायी देते हैं। सफाई कर्मियों को शौचालय और बाथरूम की सफाई के लिए आवश्यक सामग्री की आपूर्ति नहीं की जाती है, लेकिन सामग्री की कमी के कारण यहां के शौचालयों को केवल पानी का उपयोग करके साफ किया जाता है।
भारी परेशानी उठानी पड़ रही
अस्पताल से मेडिकल कॉलेज, बॉयज हॉस्टल, गर्ल्स हॉस्टल और विभिन्न विभागों की ओर जाने वाली सड़कों पर कांटों और झाड़ियों के बहुत बढ़ जाने के कारण इस रास्ते के आवागमन करने वालों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। प्रो. शरद पाटिल, मेयर धीरज पाटिल, डॉ. सुशील महाजन, नगर संयोजक राजेश पटवारी, देवीदास लोणारी, विधान सभा संयोजक ललित माली, नगर समन्वयक नितिन शिरसाठ, गुलाब माली, भरत मोरे अस्पताल प्रशासन से अपील की है कि अस्पताल में मरीजों की परेशानियों की ओर ध्यान नहीं दिया गया तो उसके भयंकर परिणाम होंगे और इस मुद्दे पर शिवसेना अपने अंदाज में आंदोलन छेड़ेगी।
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