महाराष्ट्र

सीएम शिंदे-15 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर सुनवाई जल्द

Rani Sahu
7 July 2023 6:51 PM GMT
सीएम शिंदे-15 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर सुनवाई जल्द
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महाराष्ट्र: महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नारवेकर ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें निर्वाचन आयोग (ईसीआई) से शिवसेना के संविधान की एक प्रति मिली है और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित शिवसेना के 16 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर सुनवाई जल्द ही शुरू होगी। नार्वेकर ने चुनाव आयोग से शिवसेना के संविधान की प्रति मांगी थी। उन्होंने बताया कि यह उनके कार्यालय को पिछले सप्ताह मिला।
उन्होंने कहा, ‘अब हम सुनवाई शुरू करेंगे।’ यह पूछे जाने पर कि यह प्रक्रिया कब शुरू होगी, नार्वेकर ने जवाब दिया, ‘जल्द ही।’ इस हफ्ते की शुरुआत में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर विधानसभा अध्यक्ष को अयोग्यता याचिकाओं पर तेजी से सुनवाई करने का निर्देश देने की मांग की थी। विधायक सुनील प्रभु ने अविभाजित शिवसेना के मुख्य सचेतक (चीफ व्हिप) के तौर पर पिछले साल शिंदे और अन्य 15 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाएं दायर की थीं, क्योंकि उन्होंने जून 2022 में नई सरकार बनाने के लिए भाजपा के साथ हाथ मिला लिया था।शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की ओर से प्रभु ने इस महीने शीर्ष अदालत का रुख कर दावा किया था कि नार्वेकर जानबूझकर सुनवाई में देरी कर रहे हैं, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई के अपने फैसले में विधानसभा अध्यक्ष से याचिकाओं पर उचित समय में फैसला करने को कहा था।
शीर्ष अदालत ने 11 मई को फैसला सुनाया था कि एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने रहेंगे। अदालत ने कहा कि वह उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन सरकार को बहाल नहीं कर सकती, क्योंकि शिवसेना नेता ने शिंदे की बगावत के मद्देनजर शक्ति परीक्षण का सामना किए बिना इस्तीफा देने का विकल्प चुना।
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को भी उनके उस फैसले के लिए फटकार लगाई जिसमें उन्होंने ठाकरे को बहुमत साबित करने के लिए कहा था। शिंदे सहित शिवसेना के 16 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने से इनकार करते हुए मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अदालत दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्यता याचिकाओं पर आमतौर पर फैसला नहीं दे सकती है।अयोग्यता के मुद्दे पर सुनवाई लंबित होने के बावजूद राज्य की सियासत में पिछले हफ्ते एक और मोड़ आ गया जब अजित पवार के नेतृत्व वाला राकांपा का एक धड़ा पवार के उपमुख्यमंत्री बनने के साथ ही राज्य सरकार में शामिल हो गया। राज्य विधानमंडल का मानसून सत्र 17 जुलाई से शुरू होगा।
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