महाराष्ट्र

हॉकर्स : हाई कोर्ट में झूठा हलफनामा, उप निगमायुक्त को बर्खास्त करने की मांग

Rani Sahu
29 July 2022 8:45 AM GMT
हॉकर्स : हाई कोर्ट में झूठा हलफनामा, उप निगमायुक्त को बर्खास्त करने की मांग
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हाई कोर्ट में झूठा हलफनामा, उप निगमायुक्त को बर्खास्त करने की मांग

नागपुर. हॉकर्स को लेकर मनपा की दोहरी नीति और टाउन वेंडिंग कमेटी को लेकर लगातार उलझते जा रहे विवाद ने अब नया मोड़ लिया है. पथ विक्रेता कानून 2014 का उल्लंघन कर नागपुर महानगरपालिका द्वारा 15 जुलाई 2019 को हाई कोर्ट में झूठा हलफनामा दायर किए जाने का खुलासा नागपुर जिला पथ विक्रेता संघ के अध्यक्ष जम्मू आनंद ने किया. गुरुवार को संविधान चौक पर पथ विक्रेताओं की ओर से जमकर प्रदर्शन आंदोलन किया गया. प्रदर्शन के दौरान हाई कोर्ट में झूठा हलफनामा दायर करने वाले उप निगमायुक्त को तुरंत प्रभाव से बर्खास्त करने की मांग भी पथ विक्रेताओं की ओर से की गई. संविधान चौक पर प्रदर्शन के बाद संघ की सचिव कविता धीर के नेतृत्व में जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया. शिष्टमंडल में प्रकाश कावडे, कुणाल गोस्वामी, गायत्री चकोले, अबसार शेख, अभिषेक गुप्ता आदि शामिल थे.

टाउन वेंडिंग का चुनाव गलत
प्रदर्शन के दौरान आनंद ने कहा कि नियमों को ताक पर रखकर मनपा ने टाउन वेंडिंग कमेटी का चुनाव कराया है जिससे चुनाव को स्थगित कर दिया जाना चाहिए. इसकी जगह पर केंद्र सरकार के आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा 6 जून 2019 को जारी मार्गदर्शक तत्वों को तुरंत लागू किया जाना चाहिए. इसी तरह से शहर विक्रेता समिति का कार्यकाल वर्ष 2018 में पूरा हो चुका है. इसके अलावा नागपुर शहर में फुटपाथ दूकानदारों के सर्वेक्षण को भी 5 वर्ष से अधिक का काल बीत चुका है. नियमों के अनुसार हर 5 वर्ष में सर्वेक्षण कराना अनिवार्य है. अत: पुन: सर्वेक्षण कर टाउन वेंडिंग कमेटी का चुनाव कराने की मांग उन्होंने की.
रोकी जाए गैरकानूनी कार्रवाई
उन्होंने कहा कि अतिक्रमण के नाम पर फुटपाथ दूकानदारों के खिलाफ मनपा के प्रवर्तन विभाग द्वारा कार्रवाई की जा रही है. यहां तक कि मनपा में पंजीकृत हॉकर्स का भी सामान जब्त किया जा रहा है, जबकि बड़े अतिक्रमणकारियों को या तो कार्रवाई से पहले सूचना दी जाती है या फिर उनके खिलाफ नाममात्र की कार्रवाई की जाती है. मनपा की कार्रवाई केवल छोटे दूकानदार और फुटपाथ दूकानदारों के खिलाफ हो रही है. अत: इस गैरकानूनी कार्रवाई को रोकने की मांग भी उन्होंने की. उल्लेखनीय है कि सीताबर्डी के फुटपाथ दूकानदारों से संबंधित एक याचिका हाई कोर्ट में दायर हुई थी जिसमें मनपा की ओर से हलफनामा दायर किया गया था. हाई कोर्ट ने वर्ष 2017 में आदेश जारी किया था जिसमें 1 मई 2014 के बाद टाउन वेंडिंग कमेटी का गठन किया गया तथा फूटपाथ दूकानदारों के उस सर्वेक्षण को कानून की धारा 3 (1) के तहत किया गया सर्वेक्षण मानने के आदेश दिए थे.

सोर्स- नवभारत.कॉम

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