महाराष्ट्र

गोविंदा पथकों का हो बीमा, जाने किसने की मांग

Rani Sahu
5 Aug 2022 2:32 PM GMT
गोविंदा पथकों का हो बीमा, जाने किसने की मांग
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सरकार द्वारा त्योहारों में दी गई छूट के बाद अब सबसे पहले आने वाली दही हंडी उत्सव (Dahi Handi Utsav) के निमित्त ठाणे और पालघर जिले में गतिविधियां काफी बढ़ गई है

ठाणे : सरकार द्वारा त्योहारों में दी गई छूट के बाद अब सबसे पहले आने वाली दही हंडी उत्सव (Dahi Handi Utsav) के निमित्त ठाणे और पालघर जिले में गतिविधियां काफी बढ़ गई है। इस उत्सव को लेकर राज्य सरकार (State Government) के निर्णय के बाद गोविंदा पथकों (Govinda Pathaks) में उत्साह का वातावरण है। ऐसी स्थिति में मनसे (MNS) के ठाणे पालघर जिला अध्यक्ष अविनाश जाधव (Avinash Jadhav) ने ठाणे महानगरपालिका प्रशासन (Thane Municipal Administration) से मांग की है कि तमाम गोविंदा पथक का दुर्घटना बीमा उतार कर उन्हें सुरक्षा छतरी दी जाए। ताकि दुर्घटना की स्थिति में वह लाभकारी साबित हो सके। इस संदर्भ में जाधव ने ठाणे महानगरपालिका के प्रशासक और कमिश्नर डॉ. विपिन शर्मा को निवेदन भी दिया है।

ठाणे को दही हांडी के शहर के रूप में भी जाना जाता है
इस पत्र में उन्होंने कहा कि वसई-विरार महानगरपालिका ने अपनी सीमा में गोविंदा पथक का दुर्घटना बीमा उतरवा रहा है। क्योंकि ठाणे दही हांडी की नगरी भी माना जाता है। क्योंकि यहां पर बड़े पैमाने पर दही हांडी का आयोजन किया जा रहा है। इसलिए ठाणे महानगरपालिका प्रशासन भी यहां भी गोविंदा पथक का दुर्घटना बीमा करवाया जाए। ताकि दुर्घटना की स्थिति में पीड़ित गोविंदा को आर्थिक तौर पर कुछ राहत मिल सके।
आर्थिक रूप से कुछ राहत पाएं
इतना ही नहीं जाधव ने मुंबई महानगरपालिका, नवी मुंबई महानगरपालिका के साथ ही ठाणे और पालघर जिले की महानगरपालिका से भी निवेदन किया है कि वे गोविंदा की निजी सुरक्षा को विशेष अहमियत दें। इसके साथ ही दुर्घटना के समय में उन्हें आर्थिक तौर पर कुछ राहत मिले। इसको ध्यान में रखते हुए गोविंदा पथक का सुरक्षा बीमा उतरवाने की मांग उन्होंने ठाणे महानगरपालिका प्रशासन से की है। उनका कहना है कि यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है। धार्मिक आस्था की बात है और इसके लिए प्रशासनिक सहयोग की आवश्यकता होगी। इसी निमित वे ऐसा कर रहे हैं। जाधव का कहना है कि गोविंदा उत्तेजना में आकर तो हंडी फोड़ने का प्रयास करते हैं। लेकिन यदि वे घायल हुए तो उन्हें देखने वाले बहुत ही कम लोग सामने आते हैं। ऐसी परिस्थिति में सुरक्षा बीमा की सुविधा उपलब्ध होने से गोविंदा को निश्चित तौर पर राहत मिलेगी।

सोर्स- नवभारत.कॉम

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