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![सीवेज प्रोजेक्ट के टेंडर में गोलमाल सीवेज प्रोजेक्ट के टेंडर में गोलमाल](https://jantaserishta.com/h-upload/2023/01/31/2497248-1.webp)
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मुंबई। मनपा में घोटाले का आरोप थमने का नाम ही नहीं ले रहा है एक तरफ कोरोना काल में किए गए खर्च की जाँच ईडी (Ed) और कैग (cag) जैसी संस्था के माध्यम से चल ही रह है कि कांग्रेस पार्टी ने सीवेज प्रोजेक्ट के टेंडर में गोलमाल होने का आरोप लगाया है। मनपा विरोधी पक्ष नेता रहे रविराजा ने आरोप लगाया कि किसी विशेष कंपनी को ठेका देने की सेटिंग की गई है। जिसके चलते निविदा प्रक्रिया में जियोपॉलीमर लाईनिंग तकनीक के इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है।
जब सड़क निर्माण घोटाला, दवा खरीद घोटाला जैसे विभिन्न कार्यों में घोटाले के आरोप लग रहे हैं तो अब सीवेज ले जाने वाली पाइपलाइन के पुनर्निर्माण परियोजना का काम किसी विशेष कंपनी को देने की योजना है. इसके लिए जियोपॉलीमर लाइनिंग तकनीक के इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है। लिहाजा नगर पालिका में पूर्व नेता प्रतिपक्ष रवि राजा ने आरोप लगाया है कि इस टेंडर में फिक्सिंग की गई है. बता दे कि सीवेज ले जाने वाली पुरानी पाइपलाइनों के मरम्मत का काम शुरू किया जाएगा। इन कामों में जियोपॉलीमर तकनीक का उपयोग करने परजोर दिया जा रहा है। रवि राजा ने आरोप लगाया है कि यह एक विशेष कंपनी से काम करवाने की चाल है. जियोपॉलीमर लाइनिंग तकनीक दुनिया में कहीं भी सफल नहीं रही है। मुंबई जैसे शहरों में इस तरह की तकनीक का इस्तेमाल होने के कोई उदाहरण नहीं हैं। इसके बावजूद इसी तकनीक की कंपनी को काम दिलाने के लिए ही इस तकनीक पर जोर दिया जा रहा है। इस काम के लिए पहले भी टेंडर निकाले गए थे। इस टेंडर में 'मशीन वाउन्ड स्पाइरल लाइनिंग' पर जोर दिया गया था।
राजा ने यह भी कहा कि इस जिद के पीछे मनचाहे ठेकेदार को काम दिलाने की मंशा है, इस पर विचार नहीं किया जाता कि इससे मुंबईकरों को फायदा होगा या नहीं. सीवेज प्रोजेक्ट के टेंडर में जियोपॉलीमर पर विशेष जोर दिया जा रहा है, यह तकनीक उपयुक्त है या नहीं, इसकी जांच के लिए मनपा ने आईआईटी जैसे संस्थान से सलाह क्यों नहीं ली इस तरह का सवाल खड़ा किया। यह 400 करोड़ का टेंडर है और काम का दायरा भी बहुत बड़ा है, इतना बड़ा काम करने का अनुभव वैश्विक कंपनियों को भी नहीं है। इसलिए रवि राजा ने यह भी पूछा है कि यह क्यों नहीं देखा जाता है कि कंपनी को पूरा काम देने के बजाय किसी कंपनी को पायलट प्रोजेक्ट देकर यह देखना चाहिए कि क्या कंपनी सफलतापूर्वक पूरा कर सकती है।
Source : Hamara Mahanagar
{जनता से रिश्ता इस खबर की पुष्टि नहीं करता है ये खबर जनसरोकार के माध्यम से मिली है और ये खबर सोशल मीडिया में वायरलहो रही थी जिसके चलते इस खबर को प्रकाशित की जा रही है। इस पर जनता से रिश्ता खबर की सच्चाई को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं करता है।}
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Rani Sahu
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