महाराष्ट्र

IT विभाग के जांच के घेरे में पूर्व मुख्यमंत्री, बिना पैन के खोले गए 1200 से ज़्यादा खाते

jantaserishta.com
7 Nov 2021 7:32 AM GMT
IT विभाग के जांच के घेरे में पूर्व मुख्यमंत्री, बिना पैन के खोले गए 1200 से ज़्यादा खाते
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खातों में कुल जमा हैं 53.72 करोड़ रुपए

मुंबई: आयकर विभाग (Income Tax Department) ने 27 अक्टूबर को महाराष्ट्र में अर्बन क्रेडिट कोऑपरेटिव बैंक (Urban Credit Cooperative Bank) की शाखाओं में से एक पर तलाशी और जब्ती अभियान चलाया था. इसमें अध्यक्ष और बैंक के एक निदेशक का आवास भी शामिल था. जिस शाखा में तलाशी हुई वह महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में थी.

आयकर विभाग संदिग्ध खातों की जांच कर रहा है जिसका संबंध एक चीनी मिल से है. जो कथित तौर पर महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और वर्तमान में महाराष्ट्र सरकार में मंत्री अशोक चव्हाण (Ashok Chavan) से जुड़ी है.
बिना पैन के खोले गए 1200 से ज़्यादा खाते
कोर बैंकिंग सॉल्यूशंस (CBS) के बैंक डेटा के विश्लेषण और तलाशी के दौरान संबंधित मुख्य लोगों के दर्ज किए गए बयानों के आधार पर बैंक खाते खोलने में स्पष्ट तौर पर अनियमितताएं सामने आई हैं. पता चला है कि इस शाखा में बिना पैन (PAN) के 1200 से ज़्यादा नए बैंक खाते खोले गए. साथ ही, इन बैंक खातों को खोलने के लिए KYC मानदंडों का पालन भी नहीं किया गया. खाता खोलने के लिए सभी फ़ॉर्म बैंक कर्मचारियों ने ही भरे थे. फ़ॉर्म पर बैंक कर्मचारियों ने अपने ही हस्ताक्षर/अंगूठे के निशान लगाए हैं.
खातों में कुल जमा हैं 53.72 करोड़ रुपए
हर एक खाते में कुल 1.9 लाख रुपए नकद जमा हैं और सभी खातों में जमा रकम कुल 53.72 करोड़ रुपए है. इसके अलावा, 700 से ज़्यादा ऐसे बैंक खातों की पहचान की गई है जिन्हें एक सीरीज़ में खोला गया था. इन खातों में, खाते खोलने के 7 दिनों के भीतर यानी अगस्त, 2020 से मई, 2021 के दौरान, 34.10 करोड़ रुपये नकद तुरंत जमा किए गए थे.
2 लाख से ज़्यादा कैश जमा करने पर पैन की ज़रूरत पड़ती है, इसलिए इससे बचने के लिए ये पैसे इस तरह जमा किए गए थे. बाद में इस पैसे को इसी शाखा में फ़िक्स डिपॉज़िट में बदल दिया गया. आयकर विभाग ने पूछताछ में ये भी पाया कि इन खाताधारकों को न तो इन खातों के बारे मं कोई जानकारी है और न ही उनमें जमा पैसों के बारे में.
बैंक के एक निदेशक के इशारे पर किया काम
आईटी अधिकारियों के मुताबिक अध्यक्ष, सीएमडी और शाखा के प्रबंधक, नकद जमा के स्रोत की जानकारी नहीं दे सके और उन्होंने स्वीकार किया है कि ऐसा बैंक के निदेशकों में से एक के इशारे पर किया गया था, जो स्थानीय व्यवसायी हैं और अनाज का व्यापार करते हैं.
सूत्रों के मुताबिक, जुटाए गए सबूतों और दर्ज बयानों के आधार पर पूरी रकम यानी 53.72 करोड़ रुपए पर रोक लगा दी गई है. आयकर विभाग की जांच जारी है.
बता दें कि आयकर विभाग की छापेमारी पर महाराष्ट्र सरकार में जल संसाधन मंत्री और एनसीपी नेता जयंत पाटिल ने कहा था कि बुलढाना को-ऑपरेटिव बैंक ने कई कंपनियों को लोन दिया है, फिर ये लोन ही जांच के दायरे में क्यों. उन्होंने ये भी कहा कि महाराष्ट्र के नेताओं को टारगेट किया जा रहा है, खासतौर पर उन्हें जो बीजेपी से जुड़े नहीं हैं और ऐसे नेताओं को छापेमारी से डराने की कोशिश की जा रही है.Live TV
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