महाराष्ट्र

स्वास्तिक पॅकर्स पर एफडीए का छापा

Rani Sahu
23 Sep 2022 6:42 PM GMT
स्वास्तिक पॅकर्स पर एफडीए का छापा
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गोंदिया. अधिक पैसे कमाने के चक्कर में अनेक लोग तेल का पुन:उपयोग करते है. जिससे शहर से सटे फुलचूर पेठ में स्थित में स्वास्तिक रिफाइन पॅकर्स (Swastik Refinery Packers) पर अन्न व औषध प्रशासन के दल ने छापा मारकर अस्वच्छ टीन में रिफाईड सोयाबीन तेल के 80 कनस्तर जब्त किए. बताया जा रहा है कि गुलशन अग्रवाल के मालकी वाले फुलचुर पेठ स्थित में. स्वास्तिक रिफाईन पॅकर्स में अस्वच्छ पुन: उपयोग वाले टीन में रिफाईन सोयाबीन तेल बिक्री (refined soybean oil sales) के लिए स्टाक कर रखा गया था. इन 80 कनस्तर में 1198 किलो सोयाबीन तेल भरा था. इसकी कीमत 1 लाख 66 हजार 216 रु. बताई गई है. स्वास्तिक रिफाईड पॅकर्स ने खाद्य सुरक्षा व मानक कानून का उल्लंघन किया है. उसके चलते यह कार्रवाई की गई. तेल के नमूने जांच के लिए प्रयोग शाला में भेंजे गए हैं. धारा 38 अंतर्गत कार्रवाई कर प्रयोगशाला से अहवाल आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. यह कार्रवाई अन्न व औषध प्रशासन के आयुक्त ए.पी.देशपांडे, सहायक आयुक्त अन्नपुरे की अगुवाई में अन्न सुरक्षा अधिकारी शीतल देशपांडे व महेश चंहादे आदि ने की है.
जून महिने में भी हुई थी एक कार्रवाई त्यौहारों का सीजन होने से ग्राहकों के साथ धोखाधडी न हो,इसके लिए अन्न व औषध प्रशासन विभाग ने यह कार्रवाई की है. इसी तरह जून महिने में माताटोली स्थित जय बाबा ट्रेडर्स के खिलाफ कार्रवाई की गई थी. यह जानकारी शीतल देशपांडे ने दी. कुकिंग आइल से बायोडिजल का निर्माण बार बार तलने के लिए पुन: उपयोग किए खाद्य तेल के मानवी शरीर पर होने वाले गंभीर परिणाम ध्यान में रखकर अन्न सुरक्षा व मानक प्राधिकरण ने ऐसे खाद्य तेल के हानिकारण पदार्थ के प्रमाण नियंत्रण रखना व उससे बायोडिजल निर्माण कर पर्यावरण का संरक्षण करने के उद्देश्य से रिपरपज यूज कुकिंग आइल यह उपक्रम शुरू किया है. इस संबंध में शीतल देशपांडे ने बताया कि भागदौड भरी जिंदगी से हर दिन के आहार में फास्ट व स्नैक्स फुड का प्रमाण बढ गया है. सर्वसाधारण रुप से फास्ट फुट व स्नॅक्स बनाने के लिए बड़े पैमाने पर तलने के लिए खाद्य तेल का उपयोग होता है. खाद्य पदार्थ तलने की प्रक्रिया उच्च तापमान पर होती है. इस तापमान पर खाद्य तेल का तलने के लिए बार बार उपयोग करने से उसमें अलग अलग अभिक्रिया होती है. जिससे तेल के भौतिक व रासायनिक गुणधर्म में भी परिवर्तन होता है. जिससे उसके पोषण मूल्य कम होकर गुणवता पर विपरीत परिणाम होता है.
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