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महाराष्ट्र
फॉक्सकॉन विवाद पर फडणवीस का सवाल, ननार रिफाइनरी को वापस भेजने के लिए कौन जिम्मेदार?
Rani Sahu
15 Sep 2022 12:15 PM GMT
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मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) के उपमुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने विपक्ष पर वेदांता-फॉक्सकॉन सेमीकंडक्टर संयंत्र (Vedanta-Foxconn Semiconductor Plant) के गुजरात (Gujarat) चले जाने को लेकर झूठे दावे करने का आरोप लगाया और उससे ननार रिफाइनरी परियोजना (Nanar Refinery Project) को लेकर भी सवाल किया। उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और कांग्रेस (Congress) ने महाराष्ट्र के बजाय गुजरात में 1.54 लाख करोड़ रूपये के सेमीकडक्टर संयंत्र स्थापित किये जाने की दो दिन पहले घोषणा होने के बाद राज्य सरकार को घेरने का प्रयास किया है।
मास्को की यात्रा पर गये फडणवीस ने ट्वीट किया, ''यह निराशाजनक है कि राजनीतिक लाभ लेने के लिए नकारात्मक, झूठा और बेबुनियाद प्रचार किया जा रहा है। यह बस अपनी अक्षमता को ढकना भर है। मैं विपक्षी नेताओं से पूछना चाहता हूं कि किसने महाराष्ट्र से 3.5 लाख करोड़ रूपये की रिफाइनरी वापस भेजी? इन नेताओं को मेरी सलाह है कि नकारात्मक एवं निराश होने के बजाय सक्षम एवं कुशल बनने पर ध्यान दें। "
उन्होंने वेदांता के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल के इस ट्वीट का स्वागत किया कि महाराष्ट्र, गुजरात में स्थापित होने वाले संयुक्त उपक्रम के वास्ते 'अग्रिम एकीकरण' के लिए अहम होगा। भाजपा नेता ने कहा, ''हम अग्रिम एकीकरण के वास्ते महाराष्ट्र को चुनने के आपके फैसले का स्वागत करते हैं। हम हमेशा प्रतिस्पर्धी एवं कारोबारी मित्र रहेंगे।"
ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने तब स्थानीय लोगों का साथ दिया था जब उन्होंने तटीय रत्नागिरि जिले के ननार में रिफाइनरी परियोजना का विरोध किया था। अग्रवाल ने अपने ट्वीट में कहा कि वेदांता फॉक्सकॉन जे वी अरबों डॉलर के निवेश के लिए उपयुक्त स्थान का पेशेवर ढंग से मूल्यांकन कर रहा था। उन्होंने कहा, '' यह वैज्ञानिक एवं वित्तीय प्रक्रिया है जिसमें कई साल लगते हैं। हमने दो साल पहले यह शुरू किया था। "
उन्होंने कहा कि उसने (वेदांता फॉक्सकॉन जे वी ने) गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तमिलनाडु को छांटा था और इन सरकारों एवं केंद्र सरकार के साथ संवाद किया था एवं उसे ''शानदार सहयोग भी मिला है।" अग्रवाल ने कहा, '' हमने कुछ महीने पहले गुजरात पर निर्णय लिया क्योंकि वह हमारी उम्मीदों पर खरा उतरा। लेकिन जुलाई में महाराष्ट्र नेतृत्व के साथ बैठक के दौरान उसने प्रतिस्पर्धी पेशकश से अन्य राज्यों को मात देने की भरसक कोशिश की। हमें एक स्थान पर संयंत्र का काम तो शुरू करना ही था और पेशेवेर एवं स्वतंत्र सलाह के आधार पर हमने गुजरात को चुना।"
उन्होंने कहा कि अरबों डॉलर का दीर्घकालिक निवेश ' भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स की दशा-दिशा बदल देगा" और वह अखिल भारतीय अनुकूल तंत्र विकसित करेगा। उन्होंने कहा, ''हम महाराष्ट्र में भी निवेश करने के लिए पूरी तरह कटिबद्ध हैं। महाराष्ट्र हमारे गुजरात जेवी में अग्रिम एकीकरण के वास्ते हमारा अहम गंतव्य होगा।" (एजेंसी)
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