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पुणे : पुणे महानगरपालिका (Pune Municipal Corporation) के अंडर में शहर में कुल 1400 किलोमिटर लंबाई की सड़क है। हलाकीं, पिछले तीन सालों में शहर में 1100 किलोमिटर की सड़कें खोदी गई है। यानी शहर में कुल सड़क की लंबाई में से 80 फीसदी सड़कें खोदी गई है। शहर में पिछले तीन सालों में सामान्य जल आपूर्ति, सीवरेज चैनल बिछाने के लिए सड़कों की खुदाई की गई थी। उसके साथ मोबाईल कंपनी और महावितरण को अंडरग्राउंड केबल बिछाने (underground cabling) के लिए सड़कें खोदी गई। पहली बारीश में ही सड़कों की हुई पोल खोल इस साल पुणे शहर में जुलाई में मान्सून की पहली बारीश में शहर की सड़कों की बदहाली की पोल खोल दी। शहर की ज्यादातर सड़कों पर गड्ढों का साम्राज्य दिखाई देने लगा था। इससे नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। इसके कारण सड़कों पर पानी जमा होकर ट्राफिक जाम भी हो रहा था। महानगरपालिका द्वारा बनाई गई सड़कों की गुणवत्ता पहिली बारीश में ही सामने आई थी। इसपर नागरिकों की बढती शिकायतों को देखकर महानगरपालिका ने ठेकेदारों पर कारवाई करने का निर्णय लिया गया।
सड़क खुदाई के बाद ठिक से मरम्मत नहीं करने के कारण हुई परेशानी इसी बीच पिछले तीन सालों में महानगरपालिका सीमा में कुल सड़कों के 80 फीसदी सड़कों की खुदाई करने की जानकारी सामने आई है। पुणे महानगरपालिका के पास कुल 1400 किलोमिटर लंबाई की सड़कें है। उसमें से 1100 किलोमिटर सड़कों की पिछले तीन साल में खुदाई की गई है। समान जलापूर्ती लाइन, सीवरेज लाइन, मोबाईल कंपनी और महावितरण द्वारा केबल बिछाने के लिए सड़कों की खुदाई की गई। हलाकीं, खुदाई के बाद सड़कों की ठिक से मरम्मत नहीं करने के कारण बारीश के दिनों में सड़कों पर गड्ढों का साम्राज्य हो गया था। इससे पुणेकरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। मेट्रो को 100 करोड़ रुपए का नोटीस भेजा पुणे शहर में मेट्रो का काम प्रगतीपथ पर है। मेट्रो का जाल बिछाने के लिए कई मुख्य सड़कों पर खुदाई की गई है। इन सड़कों पर महानगरपालिका द्वारा मरम्मत का काम किया गया है। इसके लिए जिम्मेदार मेट्रो प्रशासन को पुणे महानगरपालिका ने लगभग 100 करोड़ रुपए की नोटीस भेजी है, ऐसा महानगरपालिका अधिकारीयों ने बताया। 56 लाख रुपए का जुर्माना वसुला महानगरपालिका प्रशासन ने सड़क निर्माण की खराब गुणवत्ता के कारण ठेकेदारों पर कार्रवाई करके अब तक 56 लाख रुपए का जुर्माना वसुला है। इसमें महानगरपालिका ने अपने ठेकेदारों से 6 लाख रुपए का जुर्माना वसुला है। उसके साथ जलापूर्ती विभाग के ठेकेदारों से 14 लाख, बिजली कंपनी से 35 लाख, ड्रेनेज विभाग से 40 हजार ऐसे कुल मिलाके 56 लाख रुपए का जुर्माना वसुल किया है।
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