महाराष्ट्र

उद्धव की 'गद्दार' और 'खोखे' सरकार वाली टिप्पणी पर एकनाथ शिंदे का जोरदार हमला

Sonam
5 Aug 2023 10:00 AM GMT
उद्धव की गद्दार और खोखे सरकार वाली टिप्पणी पर एकनाथ शिंदे का जोरदार हमला
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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्य विधानसभा में इस बात का खुलासा किया है कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने उनसे 50 करोड़ रुपयों की मांग की थी। उन्होंने बताया था कि यह वह पैसा था जिसे पार्टी ने तब चंदे के जरिये एकत्रित किया था जब पार्टी एकजुट थी। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे गुट की ओर से की गयी यह मांग दर्शाती है कि ठाकरे गुट केवल पैसा चाहता है। शिंदे ने राज्य विधानसभा के मॉनसूत्र के समाप्त होने के बाद संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने यह पैसा वापस कर दिया है। उन्होंने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) के नेता सुभाष देसाई और अनिल देसाई ने उन्हें पार्टी के तीर-धनुष चिह्न वाले लेटरहेड पर पत्र लिखकर उनसे 50 करोड़ रुपये जमा करने को कहा था जो कि पार्टी का था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्धव ठाकरे गुट के पास चंदे से एकत्र किये गये धन को वापस मांगने का कोई अधिकार नहीं था क्योंकि यह शिवसेना कार्यकर्ताओं से संबंधित राशि थी। उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग ने पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न हमें प्रदान किया है। लेकिन यह मांग दिखाती है कि ये लोग केवल पैसे से प्यार करते हैं ना कि शिवसेना कार्यकर्ताओं और बाला साहेब ठाकरे की विचारधारा से।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने पूर्ववर्ती उद्धव ठाकरे का नाम लिए बिना उन पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि यह पता लगाया जाना चाहिए कि किसने लोगों के जनादेश, बाला साहेब ठाकरे की विचारधारा और 25 साल के सहयोगी को धोखा दिया। हम आपको बता दें कि शिंदे ने यह हमला तब किया जब वह विधानसभा में विपक्ष की पहल पर शुरू हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे। शिंदे ने कहा, ‘‘पिछले एक साल से हमें ‘खोके’ और ‘गद्दार’ कहा जा रहा है। अब इसे हमेशा के लिए निपटाने का समय आ गया है। जो लोग हम पर ‘गद्दार’ और ‘खोके’ (धन की पेटी) होने का आरोप लगाते हैं, उन्होंने हमें पत्र लिखकर हमसे 50 करोड़ रुपये लौटाने के लिए कहा है। मैंने निर्देश दिया है कि इसे वापस किया जाना चाहिए। मैं आपकी संपत्ति पर दावा नहीं करता। मेरी संपत्ति बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा है।’’ उन्होंने साथ ही कहा, ‘‘यह पता लगाने का समय आ गया है कि महाराष्ट्र का महा गद्दार कौन है।’’

हम आपको याद दिला दें कि शिंदे गुट के अलग होने से शिवसेना के विभाजित होने और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार के गिरने के बाद ठाकरे गुट ने विद्रोहियों पर ‘खोके’ और ‘देशद्रोही’ होने का आरोप लगाया था। वहीं, शिंदे समूह ने ठाकरे पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस से हाथ मिलाकर अपने पिता की विचारधारा और पुरानी सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को धोखा देने का आरोप लगाया था। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि विपक्ष भ्रमित है और मानसून सत्र के दौरान रचनात्मक आलोचना करने में विफल रहा।

शिंदे ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान की गईं अनियमितताओं को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा और दोषियों को दंडित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) इस बात की जांच कर रहा है कि पुराने ऑक्सीजन संयंत्रों का उपयोग किस तरह से किया गया कि (ऑक्सीजन संयंत्र के इस्तेमाल से हुए फंगस संक्रमण के कारण) ‘‘मरीजों की आंखें चली गईं’’ और बॉडी बैग जिसकी कीमत 300 रुपये थी वे 6,000 रुपये में बेचे गए। उन्होंने कहा कि महा विकास आघाड़ी सरकार (ठाकरे के नेतृत्व वाली) के दौरान शिक्षा, विचारधारा, आर्थिक निवेश का स्तर गिर गया और सिर्फ व्यंग्य किया जाता था। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘जो बिगड़ गया है हम उसे सुधार रहे हैं।’’

शिंदे ने कहा कि उनकी सरकार केंद्र के मजबूत समर्थन वाली समान विचारधारा वाले दलों की सरकार है। उन्होंने कहा, ‘‘विधानसभा में हमारी संख्या 170 से अब 215 है।’’ उन्होंने कहा कि एमवीए शासन के दौरान महाराष्ट्र, कर्नाटक और गुजरात के बाद देश में तीसरे स्थान पर खिसक गया था, लेकिन उनकी सरकार को 1.17 लाख करोड़ रुपये का निवेश मिला और राज्य का शीर्ष स्थान बहाल हो गया।

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