महाराष्ट्र

‘लाठीचार्ज का आदेश देने वालों को मराठवाड़ा में घुसने न दें’, प्रदर्शन में हिंसा पर राज ठाकरे

Rani Sahu
4 Sep 2023 4:38 PM GMT
‘लाठीचार्ज का आदेश देने वालों को मराठवाड़ा में घुसने न दें’, प्रदर्शन में हिंसा पर राज ठाकरे
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मुंबई। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे (Raj Thackeray) ने सोमवार को जालना में मराठा आरक्षण के लिए आंदोलन कर रहे लोगों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि उन्हें प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज का आदेश देने वालों को मराठवाड़ा में प्रवेश नहीं करने देना चाहिए।
वोट मांगकर छोड़ देते...
राज ठाकरे जालना के अंतरवाली सारथी गांव पहुंचे। यहां उन्होंने मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग (demand for reservation) को लेकर एक हफ्ते से भूख हड़ताल कर रहे मनोज जारांगे से मुलाकात की। ठाकरे ने कहा कि नेता आपसे वोट मांगते हैं और बाद में आपको छोड़ देते हैं। आंदोलनकारियों को उन नेताओं को मराठवाड़ा में प्रवेश नहीं करने देना चाहिए, जिन्होंने लाठियों से हमला करने और आंदोलनकारियों को बंदूक की नोक पर रखने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि विरोध तब तक जारी रहना चाहिए जब तक नेता माफी नहीं मांग लेते।
मुद्दों को नजरअंदाज किया
अंतरवाली सारथी गांव जाते समय मनसे नेता ने जामखेड फाटा में आंदोलनकारियों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि पहले, राजनेताओं ने अरब सागर (मुंबई तट से दूर) में छत्रपति शिवाजी महाराज की एक प्रतिमा लगाने का वादा किया और आपका वोट लिया, लेकिन आपका वोट लेने के बाद, आपके मुद्दों को नजरअंदाज कर दिया।
मुख्यमंत्री से करूंगा बात
ठाकरे ने कहा कि राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने कहा है कि विपक्ष को इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। जबकि वह खुद विपक्ष में होते तो उन्होंने भी यही किया होता। उन्होंने कहा कि मैंने आंदोलनकारियों के मुद्दों को सुना। मैं जांच की मांग करूंगा और उन्हें हल करने के लिए मुख्यमंत्री से बात करूंगा। आज कोई चुनाव नहीं है, लेकिन जब चुनाव आएंगे तो लाठियों के निशान याद रखें।
निष्पक्ष जांच की जरूरत
सोमवार सुबह औरंगाबाद से अपनी शिव शक्ति यात्रा शुरू करने वाली भाजपा की राष्ट्रीय सचिव पंकजा मुंडे (Pankaja Munde) ने कहा कि मराठों के लिए आरक्षण के मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है। मराठा समुदाय की ऐसी स्थिति देखना बिल्कुल दर्दनाक है। इस घटना की निष्पक्ष जांच की जरूरत है।
शुक्रवार को भड़की हिंसा
गौरतलब है, मनोज जारांगे के नेतृत्व में आंदोलनकारी मंगलवार से गांव में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर भूख हड़ताल कर रहे थे। राजनीतिक रूप से प्रभावशाली मराठा समुदाय के लिए राज्य सरकार की ओर से दिए गए आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट पहले ही रद्द कर चुका है। हालांकि, स्थिति तब बिगड़ी जब डॉक्टरों की सलाह पर पुलिस ने जारांगे को अस्पताल में भर्ती कराने की कोशिश की। लेकिन उन्होंने मना कर दिया। इसके बाद, आंदोलन शुक्रवार को हिंसक हो गया था। अंबाड तहसील में धुले-सोलापुर रोड पर अंतरवाली सराथी गांव में हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े थे। हिंसा में 40 पुलिसकर्मी और अधिकारी घायल हो गए थे, जबकि 15 से अधिक राज्य परिवहन बसों को आग लगा दी गई थी।
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