महाराष्ट्र

अमरावती में हिंसा के बाद कर्फ्यू ,इंटरनेट सेवाएं बंद, 20 लोग गिरफ्तार

Deepa Sahu
13 Nov 2021 1:47 PM GMT
अमरावती में हिंसा के बाद कर्फ्यू ,इंटरनेट सेवाएं बंद, 20 लोग गिरफ्तार
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महाराष्ट्र के अमरावती शहर में लगातार दूसरे दिन हिंसा के मद्देनजर इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं।

अमरावती, महाराष्ट्र के अमरावती शहर में लगातार दूसरे दिन हिंसा के मद्देनजर इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं. और चार दिन का कर्फ्यू लगा दिया गया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इस जानकारी दी है। त्रिपुरा में कथित सांप्रदायिक दंगों के विरोध में महाराष्ट्र के कई शहरों में शुक्रवार को मुस्लिम संगठनों ने बंद बुलाया था। इस दौरान अमरावती, नांदेड और मालेगांव में हिंसा हुई। इसके विरोध में दूसरे पक्ष ने शनिवार को शहर में बंद बुलाया। पुलिस के अनुसार इस दौरान भीड़ ने दुकानों पर पथराव किया। ऐसे में एहतियातन इंटरनेट सेवाओं पर पाबंदियां और कर्फ्यू लगाया गया है।शहर की पुलिस आयुक्त आरती सिंह ने कहा कि हिंसा को बढ़ावा देने वाली अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए शहर में इंटरनेट सेवाएं तीन दिनों तक बंद रहेंगी। उन्होंने कहा कि दिन में लगाया गया कर्फ्यू चार दिनों तक लागू रहेगा। शनिवार की सुबह मुंबई से लगभग 670 किलोमीटर दूर स्थित पूर्वी महाराष्ट्र शहर के राजकमल चौक इलाके में सैकड़ों लोग नारे लगाते हुए सड़कों पर निकल आए। भीड़ के कुछ सदस्यों ने राजकमल चौक और अन्य जगहों पर दुकानों पर पथराव किया। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया।

शुक्रवार और शनिवार को पथराव की घटनाओं के बाद अतिरिक्त पुलिस आयुक्त संदीप पाटिल ने किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए सीआरपीसी की धारा 144 (1), (2), (3) के तहत अमरावती में कर्फ्यू लगाने के आदेश जारी किए। मेडिकल इमरजेंसी को छोड़कर लोगों को घरों से बाहर निकलने की इजाजत नहीं है। आदेश के अनुसार पांच से अधिक लोगों के एकत्र होने की अनुमति नहीं है।

20 लोग गिरफ्तारपुलिस ने शुक्रवार की घटनाओं के संबंध में अब तक दंगा सहित विभिन्न आरोपों में 20 प्राथमिकी दर्ज कर 20 लोगों को गिरफ्तार किया है और चार अन्य को हिरासत में लिया है। अमरावती में त्रिपुरा में अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ अत्याचार को रोकने की मांग को लेकर एक ज्ञापन सौंपने के लिए शुक्रवार को 8,000 से अधिक लोग जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर जमा हुए थे। ज्ञापन सौंपकर जब लोग निकल रहे थे तो कोतवाली थाना क्षेत्र के चित्रा चौक और काटन मार्केट बाजार के बीच तीन जगहों पर पथराव हुआ।

महाराष्ट्र सरकार को अस्थिर करने की कोशिश- राउत

इस बीच विपक्षी भाजपा पर परोक्ष हमला करते हुए शिवसेना सांसद संजय राउत ने शनिवार को कहा कि अमरावती और अन्य स्थानों पर हिंसा का उद्देश्य महाराष्ट्र सरकार को अस्थिर करना था। औरंगाबाद में पत्रकारों से बात करते हुए राउत ने कहा कि राज्य सरकार दृढ़ है और हिंसा के अपराधियों के असली चेहरे जल्द ही सामने आ जाएंगे।

राजनीतिक दलों को भड़काऊ बयान नहीं देना चाहिए- फडणवीस

विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि त्रिपुरा में 'कभी नहीं हुई' एक घटना फऱ राज्य में रैलियां आयोजित करना गलत था। उन्होंने लोगों से संयम बरतने की अपील की। उन्होंने संवाददातओं से कहा, 'त्रिपुरा सरकार और स्थानीय पुलिस ने स्पष्ट किया है कि अल्पसंख्यक समुदाय के किसी भी धार्मिक स्थल को नहीं जलाया गया। उन्होंने इसकी तस्वीरें भी जारी की हैं। मैं दोनों समुदायों से संयम बरतने की अपील करता हूं।' भाजपा के वरिष्ठ नेता ने यह भी कहा कि राज्य सरकार में राजनीतिक दलों को भड़काऊ बयान नहीं देना चाहिए।


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