महाराष्ट्र

सोलर पैनल लगाने नहीं मिल रहे ठेकेदार, ZP की 500 से अधिक शालाओं में काम लटका

Rani Sahu
25 Aug 2022 9:27 AM GMT
सोलर पैनल लगाने नहीं मिल रहे ठेकेदार, ZP की 500 से अधिक शालाओं में काम लटका
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तत्कालीन उर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने जिले की सभी जिला परिषद शालाओं की बिजली समस्या के निराकरण के लिए सभी शालाओं को सोलर ऊर्जा से युक्त बनाने की घोषणा की थी
नागपुर. तत्कालीन उर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने जिले की सभी जिला परिषद शालाओं की बिजली समस्या के निराकरण के लिए सभी शालाओं को सोलर ऊर्जा से युक्त बनाने की घोषणा की थी. उनके कार्यकाल में योजना को गति भी मिली और जिला नियोजन समिति के फंड से 287 शालाओं को महाराष्ट्र एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी यानी मेडा के माध्यम से सोलर ऊर्जा से युक्त किया गया. उसके बाद से लेकिन यह प्रकल्प ठेकेदारों द्वारा रुचि नहीं दिखाने के चलते लटक गया है.
जिप की 100 फीसदी शालाओं में सोलर पैनल लगाने का इरादा बावनकुले ने जताया था लेकिन उसके बाद जिला परिषद में भी सत्ता बदल गई और सोलर पैनल के लिए लगने वाली निधि मेडा को हस्तांतरण करने में लेटलतीफी की गई. उसके बाद से शालाओं को सोलर बिजली से लैस करने का यह प्रकल्प ही लटक सा गया है.
6वीं बार निकालना पड़ा टेंडर
अब हालत यह है कि सोलर पैनल प्रकल्प की लागत बढ़ जाने का हवाला देकर संबंधित ठेकेदार टेंडर में ही रुचि नहीं ले रहे हैं. जिला परिषद प्रशासन ने खनिज निधि का 7.18 करोड़ रुपये से शालाओं में सोलर पैनल लगाने के लिए मेडा को जिम्मेदारी दी है. 287 शालाओं में सफलतापूर्वक सोलर पैनल लगने के बाद डीपीसी से इसी कार्य के लिए और निधि मंजूरी हुई. फिर और 720 शालाओं में काम किया जाना था. 40 प्रतिशत यानी 2.93 करोड़ रुपये 2 वर्ष पहले ही जिप को हस्तांतरण हुए थे.
बताया गया कि इसी दौरान सोलर पैनल के सामानों के दाम बढ़ गए और मेडा के पुणे कार्यालय ने 564 शालाओं के लिए टेंडर जारी किया. 5 बार टेंडर जारी करने के बावजूद ठेकेदारों का प्रतिसाद नहीं मिला. अब टेंडर के नियम व शर्तों को शिथिल कर 6वीं बार 513 शालाओं के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी की गई है. इसमें 51 शाला कम हो गए हैं. बावजूद इसके अभी कहीं भी प्रत्यक्ष कार्य नजर नहीं आ रहा है.
कई शालाओं में बिजली नहीं
जिला परिषद की अनेक शालाओं में बिजली बिल जमा नहीं करने के चलते बिजली काट दी गई थी. विद्यार्थियों को बिना पंखे, लाइट के पढ़ाई करने को मजबूर होना पड़ता है. इसी समस्या के निराकरण के लिए ही बावनकुले ने सभी शालाओं को सोलर ऊर्जा से लैस करने की नई योजना शुरू की थी लेकिन अब वह योजना भी ठेकेदारों द्वारा हाथ झटक दिये जाने के कारण लंबे अरसे से लटकी हुई हैं. हालांकि अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही कार्य शुरू हो जाएंगे.
Rani Sahu

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