महाराष्ट्र

संजय राउत के बयान से कांग्रेस नाराज, कहा- शिवसेना किसी और के साथ जाए तो परेशानी नहीं

Rani Sahu
23 Jun 2022 12:18 PM GMT
संजय राउत के बयान से कांग्रेस नाराज, कहा- शिवसेना किसी और के साथ जाए तो परेशानी नहीं
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संजय राउत के बयान से कांग्रेस नाराज

मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) में सियासी संकट जारी है. राजनीतिक संकट के बीच शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने गुरुवार को कहा कि अगर बागी विधायक वापस आते हैं और वे चाहते हैं तो हम महाविकास अघाड़ी से बाहर आने के लिए तैयार हैं. शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि विधायकों को गुवाहाटी से संवाद नहीं करना चाहिए, वे वापस मुंबई आएं और सीएम से इस सब पर चर्चा करें. हम सभी विधायकों की इच्छा होने पर महाविकास अघाड़ी सरकार से बाहर निकलने पर विचार करने के लिए तैयार हैं.

संजय राउत के बयान से कांग्रेस नाराज है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो शिवसेना नेता के बयान से कांग्रेस नाखुश है और इस संबंध में सहयाद्री गेस्ट हाउस में बैठक बुलाई है. बैठक में एचके पाटिल, बालासाहेब थोराट, नाना पटोले और अशोक चव्हाण सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भाग ले रहे हैं.
एएनआई से बात करते हुए, महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने कहा कि राज्य में बीजेपी को सत्ता में आने से रोकने के लिए पार्टी शिवसेना के साथ है. उन्होंने कहा, 'बीजेपी को सत्ता में आने से रोकने के लिए हम उनके (शिवसेना) साथ हैं. यह खेल ईडी के कारण हो रहा है...कांग्रेस फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार है. हम एमवीए के साथ हैं और रहेंगे और अगर वे किसी के साथ गठबंधन करना चाहते हैं, हमें कोई दिक्कत नहीं है. वे किसी और के साथ जाएं तो परेशानी नहीं.
वहीं संजय राउत ने दावा किया कि गुवाहाटी में 21 विधायकों ने शिवसेना से संपर्क किया है और जब वे मुंबई लौटेंगे तो वे पार्टी के साथ होंगे. राउत ने यह भी कहा कि उद्धव ठाकरे बहुत जल्द वर्षा वापस आएंगे. गुवाहाटी के 21 विधायकों ने हमसे संपर्क किया है और जब वे मुंबई लौटेंगे, तो वे हमारे साथ होंगे."
इससे पहले एकनाथ शिंदे ने ट्विटर पर एक पत्र साझा किया और कहा कि ये विधायकों की भवना है. पत्र में कहा गया, " हम यह पत्र अपने विट्ठल हिंदू हृदय सम्राट शिव सेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे को इसलिए लिख रहे हैं, क्योंकि कल सही मायने में वर्षा बंगले के दरवाजे जनता के लिए खोल दिए गए थे. बंगले पर भीड़ देखकर खुशी हुई. पिछले ढाई साल से शिवसेना विधायक के तौर पर हमारे लिए ये दरवाजे बंद थे."


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