महाराष्ट्र

सीएम एकनाथ शिंदे ने मानी मनोज जरांगे की शर्त, अजित पवार संग पहुंच तोड़वाएंगे अनशन

Rani Sahu
13 Sep 2023 3:27 PM GMT
सीएम एकनाथ शिंदे ने मानी मनोज जरांगे की शर्त, अजित पवार संग पहुंच तोड़वाएंगे अनशन
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मुंबई। मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे (Manoj Jarange) ने भूख हड़ताल खत्म करने की बात मान ली थी लेकिन उन्होंने शर्त रखी थी कि सीएम शिंद को खुद आकर उनसे मिलना होगा। मुख्यमंत्री ने उनकी शर्त मान ली है। बुधवार शाम 5 बजे वह जरांगे से मिलने जाएंगे। आज उनकी भूख हड़ताल का 16वां दिन है। संभव है कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री (Chief Minister and Deputy Chief Minister) की मौजदूगी में वह अनशन तोड़ेंगे। बता दें कि मनोज जरांगे ने भूख हड़ताल खत्म करने के ऐलान के साथ सरकार के सामने पांच शर्तें रखी थीं। इसके अलावा उन्होंने कहा था कि भूख हड़ताल खत्म करने के बाद भी वह आंदोलन स्थल पर ही रहेंगे।
क्या हैं जरांगे की पांच मांगें
जरांगे का कहा है कि एक महीने बाद मराठा आरक्षण लागू होना चाहिए चाहे रिटायर जज की रिपोर्ट कुछ भी हो। दूसरी मांग है कि मराठा समुदाय के लोगों पर जो भी मुकदमे दर्ज किए गए हैं, वे वापस लिए जाएं। तीसरी शर्त है कि जालना में मराठा समुदाय पर लाठी चार्ज करने के दोषी पाए गए अधिकारियों को निलंबित किया जाए। चौथी शर्त मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री इन बातों को लिखित में आश्वसन दें और पांचवीं शर्त है कि भूख हड़ताल खत्म करने के दौरान सीएम और डिप्टी सीएम मौजूद रहें।
जरांगे ने चेतावनी दी है कि अगर एक महीने में मराठा आरक्षण लागू नहीं किया गया तो वह फिर भूख हड़ताल पर बैठ जाएँगे। उन्होंने कहा कि 12 अक्टूबर को मराठा समुदाय की बड़ी बैठक की जाएगी। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने और हिंसक प्रदर्शन ना करने की भी अपील की है। बता दें कि जालना में लाठीचार्ज के बाद मराठा समुदाय के लोगों में काफी आक्रोश है। गौर करने वाली बात यह है कि शिंदे और पवार के साथ देवेंद्र फडणवीस नहीं जा रहे हैं। लाठीचार्ज के बाद एक बार फडणवीस ने इसे सही ठहराने की भी कोशिश की थी लेकिन वह अकेले पड़ गए।
अजित पवार लंबे समय से मराठा आरक्षण का समर्थन करते रहे हैं। वहीं एकनाथ शिंदे मराठा समुदाय से ही आते हैं। इसके अलावा उदयनराजे खुद को शिवाजी का वंशज बताते हैं और उनकी मराठा समुदाय पर अच्छी पकड़ है। वह भाजपा के राज्यसभा सांसद हैं और उन्होंने अनशन तोड़ने के लिए जरांगे को राजी करने में बड़ी भूमिका निभाई।
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