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मुंबई। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विधानसभा में कहा कि फिलहाल राज्य भर में तेज बारिश हो रही है और कई इलाकों में भारी बारिश और बाढ़ के पानी से नागरिकों के घरों और संपत्ति का नुकसान हुआ है। राज्य सरकार ने हमेशा ऐसे मौकों पर प्रभावित लोगों की मदद की है। मुख्यमंत्री ने मुआवजे के रूप में प्रति परिवार 10 हजार रुपए की बढ़ी हुई मदद और दुकानदारों और टपरीधारकों के लिए भी राहत राशि की घोषणा की। यह बढ़ी हुई मदद जून से अक्टूबर 2023 के दरम्यान बारिश जैसी प्राकृतिक आपदाओं के लिए दी जाएगी।
प्रति परिवार 10 हजार की मदद
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले राज्य आपत्ति प्रतिसाद के मापदंड के अनुसार घरों के पूरी तरह डूबने या फिर पूरी तरह गिर जाने पर प्रति परिवार 2500 रुपए और बर्तन और वस्तुओं का नुकसान होने पर प्रति परिवार 2500 रुपए को मिलाकर 5 हजार रुपए दिए जाते थे। अब राज्य आपत्ति प्रतिसाद की शर्तों में ढील देकर यह रकम दोगुनी यानी 10 हजार रुपए कर दी गई है। अब कपड़ों और घरेलू बर्तनों के नुकसान के लिए भी 10 हजार रुपए की मदद की जाएगी।
दुकानदारों को 50 हजार की मदद
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि प्राकृतिक आपदा की वजह से नुकसान होने पर दुकानदारों को कोई भी मदद नहीं मिलती थी। अब उन्हें भी आर्थिक मदद देने का निर्णय लिया गया है। दुकान के पानी में डूबने अथवा संपूर्ण नुकसान होने पर दुकानदारों को पंचनामा के आधार पर नुकसान की 75 प्रतिशत रकम या अधिकतम 50 हजार रुपए की मदद विशेष बात के रूप में दी जाएगी। जो दुकानदार स्थानीय निवासी हैं और जिनके नाम मतदाता सूची में है और जिनके पास राशन कार्ड हैं, ऐसे दुकानदारों में से अधिकृत दुकानदारों को यह मदद मिलेगी।
टपरी धारक को 10 हजार की मदद
मुख्यमंत्री ने केवल दुकानदारों के लिए ही नहीं, बल्कि टपरी धारकों को भी मदद की घोषणा की। उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी टपरी के जरिए व्यवसाय कर अपना परिवार चलाने वाले अनेक लोग हैं। ऐसे टपरी धारक को राज्य आपत्ति निधि से कोई मदद नहीं मिलती। ऐसे टपरी धारकों को भी पंचनामा के आधार पर नुकसान की 75 प्रतिशत रकम या अधिकतम 10 हजार रुपए की मदद (10 thousand rupees help) विशेष बात के रूप में दी जाएगी। जो दुकानदार स्थानीय निवासी हैं और जिनके नाम मतदाता सूची में है और जिनके पास राशन कार्ड है, ऐसे अधिकृत और लाइसेंसधारी टपरी धारक को यह मदद मिलेगी।
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