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मुंबई। नागपुर में महाराष्ट्र विधानमंडल का शीतकालीन सत्र (winter session) दो सप्ताह का होगा। सत्र 19 दिसंबर से शुरू होकर 30 दिसंबर तक चलेगा। मंगलवार को सत्र का कामकाज तय करने के लिए विधानसभा और विधानपरिषद कामकाज (legislative council work) सलाहकार समिति की बैठक में यह निर्णय लिया जाएगा। बैठक में विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार ने विदर्भ और मराठवाड़ा की समस्याओं को देखते हुए सत्र की अवधि तीन सप्ताह रखने की मांग की।
मंगलवार को विधानभवन में विधानसभा कामकाज सलाहकार समिति की बैठक विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर (Rahul Narvekar) और विधान परिषद कामकाज सलाहकार समिति की बैठक उपसभापति डॉ.नीलम गोर्हे की अध्यक्षता में हुई। बैठक के दौरान 19 से 30 दिसंबर के बीच होने वाली विधान परिषद और विधानसभा की बैठकों के अस्थाई कैलेंडर पर चर्चा की गई। अधिवेशन के दौरान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सीमा मुद्दे पर एक प्रस्ताव पेश करेंगे। साथ ही मराठवाडा मुक्ति संग्राम के अमृत महोत्सव वर्ष के अवसर पर विशेष कार्यक्रम आयोजित करने पर भी चर्चा हुई। विधायी मामलों की सलाहकार समिति की अगली बैठक 28 दिसंबर को लेने का निर्णय लिया गया। सत्र के दौरान तकरीबन 21 विधेयक चर्चा और अनुमोदन के लिए पेश किए जाएंगे। बैठक में दोनों सदनों के कामकाज को लेकर विस्तृत चर्चा हुई।
बैठक में विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरी झिरवाल, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस(Devendra Fadnavis), राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल, सांस्कृतिक कार्य मंत्री सुधीर मुनगंटीवार, संसदीय कार्य मंत्री चंद्रकांत पाटिल, विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार, विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे, विधानमंडल सचिवालय के प्रधान सचिव राजेंद्र भागवत आदि मौजूद थे।
इसके पहले विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार ने बैठक में तीन सप्ताह के सत्र की मांग रखी। उन्होंने कहा कि कोरोना की वजह से दो साल से नागपुर में शीतकालीन सत्र नहीं हो सका। नागपुर, विदर्भ की समस्याओं को न्याय देने, विदर्भ वासियों में उपेक्षा की भावना को दूर करने के लिए नागपुर का शीतकालीन सत्र कम से कम तीन सप्ताह का होना चाहिए। विपक्ष के नेता की मांग पर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अधिवेशन के दौरान अगली बैठक में इस पर निर्णय लिया जाएगा।
साढ़े नौ बजे शुरू हो कामकाज
उन्होंने कहा कि यह वर्ष मराठवाडा मुक्ति संग्राम (Marathwada Liberation War) का अमृत महोत्सव वर्ष है। महाराष्ट्रवासियों की भावना है कि इसे भव्य पैमाने पर मनाया जाए। इसके लिए महाविकास आघाड़ी सरकार ने बजट में 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया था। मराठवाडा, महाराष्ट्र के नागरिकों और सभी दलों के नेताओं के साथ मराठवाडा मुक्ति संग्राम का अमृत महोत्सव मनाया जाए। मराठवाडा के मुक्ति संघर्ष को नई पीढ़ी तक ले जाना चाहिए। विधानमंडल सदस्यों को सभागृह के कामकाज में अधिक से अधिक भाग लेना चाहिए। इसके लिए सदन का कामकाज साढ़े नौ बजे से शुरू किया जाए।
Source : Hamara Mahanagar
{जनता से रिश्ता इस खबर की पुष्टि नहीं करता है ये खबर जनसरोकार के माध्यम से मिली है और ये खबर सोशल मीडिया में वायरलहो रही थी जिसके चलते इस खबर को प्रकाशित की जा रही है। इस पर जनता से रिश्ता खबर की सच्चाई को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं करता है।}
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