महाराष्ट्र

डिजिटल लर्निंग इको सिस्टम से लैस होंगे बीएमसी स्कूल

Rani Sahu
4 March 2023 5:08 PM GMT
डिजिटल लर्निंग इको सिस्टम से लैस होंगे बीएमसी स्कूल
x
मुंबई। बीएमसी स्कूलों के प्रत्येक क्लास में डिजिटल लर्निंग इको सिस्टम (Digital Learning Eco System) के तहत डिजिटल बोर्ड लगेगा। साथ ही प्रत्येक छात्र को टैब दिया जाएगा ताकि छात्र जब चाहे पढ़ाई कर सके। इस योजना पर काम करने वाले आश्रय फाउंडेशन संस्था (Ashray Foundation Organization) के सतीश झा (Satish Jha) कहते हैं कि हमने शुरुआत कर दी है। अगले पांच साल में हमारा लक्ष्य बीएमसी के सभी 1146 स्कूलों में डिजिटल बोर्ड लगाना है। यह बोर्ड इस तरह का है जहां पर अध्यापक व छात्र लिख सकते हैं और उसे मिटा भी सकते है जैसे ब्लैक बोर्ड है।
आश्रय संस्था के चेयरमैन सतीश झा दुनिया की बेसिक पढ़ाई लखनऊ में हुई है लेकिन आगे की पढ़ाई उन्होंने अमेरिका और यूरोप के कई देशों में की है। साथ ही आज वे उन देशों में शिक्षा क्षेत्र में काम भी कर रहे हैं। वे कहते हैं कि हमारे देश की शिक्षा प्रणाली में बड़े बदलाव करने पड़ेंगे। साथ ही पढ़ाई तरीके में भी बदलाव करने होंगे। पुरानी कॉपी-किताब से बाहर निकलना होगा। शिक्षा के क्षेत्र में यूरोप और अमेरिका बहुत निकल गए हैं। वहां के बच्चों को जिस तरह से बढ़ाया जाता है उसी तरह से हमारे भारत देश के बच्चों को भी पढ़ाना होगा। बच्चों को सीखने-सोचने और समझने वाली शिक्षा देनी होगी। इसके लिए पहले उनके हाथ में टैब होना जरूरी है। हमारे देश को भी आधुनिक डिजिटल युग को अपनाना होगा जिसकी शुरुआत हमने देश में कई जगहों पर किया है। मुंबई में हम लोग बीएमसी स्कूलों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। अगले पांच साल में बीएमसी के सभी स्कूलों में डिजिटल बोर्ड लग जाएगा और सभी बच्चों को टैब मिल जाएगा।
उद्योगपति भी जुड़ रहे हैं
इस काम में लगने वाले पैसे के बारे में झा कहते हैं अभी तो वे अपने पैसे से काम कर रहे हैं लेकिन देश के कई सारे नामी-गिरामी उद्योगपति उनसे जुड़ रहे हैं। वे मदद करने के लिए तैयार बैठे हैं। झा कहते हैं कि मुंबई में उनकी संस्था आश्रय के माध्यम से काम कर रहे हैं। कई सारे बीएमसी स्कूलों के अध्यापकों को प्रशिक्षित कर रहे हैं कि डिजिटल बोर्ड पर कैसे छात्रों को पढ़ाए। झा का दावा है कि बीएमसी के साथ शुरुआत बहुत अच्छी है और उन्हें पूरा विश्वास है कि आगे भी अच्छा ही होगा। हमारा मकसद सिर्फ अंतरराष्ट्रीय स्तर के छात्र बनाने हैं, ताकि बदलने युग में हम भी दुनिया के साथ-साथ कदम से कदम मिलाकर चल सके।
Source : Hamara Mahanagar
{जनता से रिश्ता इस खबर की पुष्टि नहीं करता है ये खबर जनसरोकार के माध्यम से मिली है और ये खबर सोशल मीडिया में वायरलहो रही थी जिसके चलते इस खबर को प्रकाशित की जा रही है। इस पर जनता से रिश्ता खबर की सच्चाई को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं करता है।}
Next Story