महाराष्ट्र

महाराष्ट्र शिक्षक पात्रता परीक्षा में बड़ा घोटाला, 7,800 फेल छात्रों को पैसे लेकर किया पास

Deepa Sahu
28 Jan 2022 8:53 AM GMT
महाराष्ट्र शिक्षक पात्रता परीक्षा में बड़ा घोटाला, 7,800 फेल छात्रों को पैसे लेकर किया पास
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महाराष्ट्र शिक्षक पात्रता परीक्षा घोटाला (TET Exam Scam) मामले में रोज नए चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं.

महाराष्ट्र शिक्षक पात्रता परीक्षा घोटाला (TET Exam Scam) मामले में रोज नए चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. महाराष्ट्र शिक्षक पात्रता परीक्षा (Teachers Eligibility Test) में फेल हुए 7 हजार 800 परीक्षार्थियों से पैसे लेकर उन्हें पास करने का मामला सामने आया है. साइबर पुलिस की जांच में यह खुलासा हुआ है. महाराष्ट्र राज्य परीक्षा परिषद (Maharashtra State Council of Examination- MSCE, Pune) द्वारा ली गई 2019-20 में शिक्षक पात्रता परीक्षा में जिन 16 हजार 592 उम्मीदवारों को पास घोषित किया गया था, जांच में पता चला कि उनमें से सात हजार आठ सौ उम्मीदवार फेल थे. फेल हुए विद्यार्थियों को हेराफेरी करके पास करने की इस खबर के सामने आने से खलबली मच गई है.

बता दें कि 2018 में हुई परीक्षा में भी बड़े पैमाने पर फेल उम्मीदवारों से पैसे लेकर उन्हें पास करने के मामले की जांच शुरू है. इस मामले में जांच के सिलसिले में साइबर पुलिस राज्य परीक्षा परिषद की ओर से पुलिस को दी गई जानकारियों और परीक्षा के परिणामों की गहराई से पड़ताल कर रही है. 2019-20 की परीक्षा में कुल 16 हजार 592 उम्मीदवारों के पास होने का रिजल्ट आया. लेकिन पुलिस ने जब परीक्षा परिणामों की गहराई से छानबीन की तो पता चला कि करीब 7 हजार 800 उम्मीदवार पास नहीं हुए थे. लेकिन इन्हें पास दिखाया गया.
पुणे साइबर पुलिस 2018 और 2020 के टीईटी घोटाले की जांच कर रही है
शिक्षा परिषद ने अब फैसला किया है कि 2013 से ही यह जांच की जाए कि टीईटी के माध्यम से होने वाली भर्ती में शिक्षकों के प्रमाणपत्र सही हैं या नहीं. राज्य के सभी जिला परिषदों, महानगरपालिकाओं के माध्यम से चलने वाले स्कूलों को इस बात की जांच के संदर्भ में आदेश दे दिए गए हैं. पुणे साइबर पुलिस फिलहाल 2018 और 2020 में हुए टीईटी घोटाले की जांच कर रही है.
पिछले 8 सालों के रिजल्ट की जांच के आदेश
ये आरोप लगते रहे हैं कि 2013 से ही इस भर्ती परीक्षा में घोटाले हो रहे हैं. इसी वजह से पिछले आठ सालों के रिजल्ट और प्रमाण पत्रों की जांच का निर्णय लिया गया है. पिछले 15 दिनों में राज्य के साढ़े पांच हजार शिक्षकों ने अपने प्रमाणपत्र महाराष्ट्र राज्य शिक्षा परिषद को भेजे हैं.
इस घोटाले के सामने आते ही खास कर राज्य की परीक्षाओं की तैयारी करने वाले गंभीर परीक्षार्थी सकते और सदमे में हैं. हजारों ऐसे योग्य उम्मीदवारों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया, जिन्होंने दिन-रात गंभीरता से परीक्षा की तैयारी की थी और वे पैसे ना देने की वजह से पास विद्यार्थियों की सूची में अपना नाम दर्ज नहीं करवा सके.


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