- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- बड़ा खुलासा: अस्पताल...
महाराष्ट्र
बड़ा खुलासा: अस्पताल में आग से 11 कोरोना मरीजों की हुई थी मौत, पुलिस ने धारा 304 के तहत केस दर्ज किया
jantaserishta.com
11 Nov 2021 4:05 AM GMT
x
घटना के वक्त अस्पताल का स्टाफ नहीं था, चाय-नाश्ते में व्यस्त था स्टाफ।
अहमदनगर: महाराष्ट्र के अहमदनगर में सिविल अस्पताल में आग लग गई थी. इसमें भर्ती 17 में से 11 कोरोना मरीजों की मौत हो गई थी. इस मामले में एक ऐसी जानकारी लगी है जो हैरान कर देनी वाली है. बताया गया है कि जब कोरोना के आईसीयू वार्ड में आग लगी थी, उस समय मेडिकल स्टाफ चाय और स्नैक्स लेने में व्यस्त था.
जानकारी के मुताबिक, आईसीयू वार्ड का पूरा मेडिकल स्टाफ बाहर आकर चाय और नाश्ता कर रहा था. आग लगने के दौरान वार्ड के इंचार्ज भी ड्यूटी पर नहीं आए और न ही उन्होंने अपने न आने की जानकारी किसी को दी.
34 साल के विवेक खटिक ने इस हादसे में अपने पिता को खो दिया. विवेक ने अपनी जान पर खेलकर अपने माता-पिता को बचाने की कोशिश की, लेकिन पिता ने बाद में दूसरे वार्ड में दम तोड़ दिया.
आजतक की खबर के मुताबिक विवेक ने उस दर्दनाक हादते के बारे में बताया क उनके 65 वर्षीय पिता ने उन्हें टेबल फैन लगाने को कहा था. विवेक ने बताया कि क्योंकि अच्छा फैन नहीं मिल रहा था, इसलिए वो दोबारा अस्पताल की ओर लौट रहे थे. तभी उन्हें उनके एक दोस्त में आग लगने की जानकारी दी. विवेक ने बिना समय बर्बाद किए तुरंत अस्पताल पहुंचे.
उन्होंने बताया कि चारों ओर अफरा-तफरी का माहौल था. धुंआ ही धुंआ ही था. कोई खिड़की से निकलने की कोशिश कर रहा था. विवेक ने बताया कि जैसे ही वो वार्ड में गए, उन्होंने अपनी मां के चिल्लाने की आवाज सुनी. क्योंकि उस समय धुंआ बहुत था, इसलिए आंखों में जलन भी हो रही थी. विवेक ने पहले तो अपने मां को वहां से बाहर निकाला और उसके बाद पिता को कंधे पर बैठाकर बाहर 200 मीटर दूर पुरानी बिल्डिंग में बने दूसरे वार्ड लेकर गए, जहां उनके पिता ने आखिरी सांस ली.
संतोष धर्माजी नाम के 48 वर्षीय कोरोना मरीज भी इसी वार्ड में भर्ती थे. वो चिल्लाते हुए उस वार्ड से बाहर निकले थे. उसके बाद अस्पताल के स्टाफ ने उन्हें दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया. फिलहाल संतोष सुरक्षित हैं.
चाय-नाश्ता करने गए स्टाफ के लोग
अहमदनगर एसपी मनोज पाटिल ने बताया कि जिस वक्त आग लगी, उस वक्त स्टाफ के सभी 4 लोग वहां मौजूद नहीं थे और सभी बाहर चाय-नाश्ता कर रहे थे. प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के आदेश पर तोफखान्मा पुलिस थाने में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है. पुलिस अब अस्पताल में लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाल रही है.
एसपी मनोज पाटिल ने बताया कि आग लगने के वक्त स्टाफ के चारों लोग बाहर थे और उसके बाद वो लौटे ही नहीं. उन्होंने बताया कि अगर अस्पताल का स्टाफ इंतजार करता और लोगों की मदद करता तो ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान बचाई जा सकती थी. फिलहाल पुलिस ने धारा 304 के तहत केस दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है. अगर सबूत मिलता है तो इसमें शामिल लोगों को गिरफ्तार भी किया जा सकता है.
jantaserishta.com
Next Story