महाराष्ट्र

चुनावों से पहले महाराष्ट्र सरकार ने मराठवाड़ा के लिए खोली झोली, 59 हजार करोड़ की योजनाओं की घोषणा

Rani Sahu
16 Sep 2023 3:15 PM GMT
चुनावों से पहले महाराष्ट्र सरकार ने मराठवाड़ा के लिए खोली झोली, 59 हजार करोड़ की योजनाओं की घोषणा
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छत्रपति संभाजीनगर (आईएएनएस)। आगामी चुनावों से पहले पिछड़े मराठवाड़ा को 'सूखा मुक्त' क्षेत्र में बदलने का वादा करते हुए महाराष्ट्र सरकार ने शनिवार को विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं, सिंचाई और अन्य कार्यों के लिए 59,000 करोड़ रुपये से अधिक का विशेष आर्थिक पैकेज देने की घोषणा की।
शिव सेना (यूबीटी), ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन, वंचित बहुजन अगाड़ी, धनगर, ओबीसी और अन्य समूहों द्वारा किए गए एक दर्जन से अधिक विरोध-प्रदर्शनों और जुलूसों के बीच अक्टूबर 2016 के बाद पहली बार यहां मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में पूर्ण राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद घोषणाओं की बौछार हुई।
दिन की शुरुआत शिंदे और दो उप मुख्यमंत्रियों देवेन्द्र फडणवीस तथा अजित पवार द्वारा इस वर्ष की शुरुआत में आधिकारिक तौर पर 'छत्रपति संभाजीनगर' (औरंगाबाद) और 'धाराशिव' (उस्मानाबाद) के नाम बदलने के लिए आयोजित पट्टिकाओं के अनावरण समारोह में भाग लेने से हुई।
मीडिया से बात करते हुए, शिंदे, फडणवीस, पवार ने मराठवाड़ा क्षेत्र के आठ जिलों - छत्रपति संभाजीनगर, धाराशिव, बीड, लातूर, जालना, परभणी, हिंगोली और नांदेड़ - के लिए पैकेज से संबंधित फैसलों की घोषणा की।
उन्होंने मराठवाड़ा के विकास को 'नजरअंदाज' करने के लिए पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे की पूर्ववर्ती महा विकास अघाड़ी सरकार की आलोचना की, जिसमें राज्य घटक का भुगतान न करने के कारण परली-बीड-अहमदनगर रेलवे लाइन सहित कई परियोजनाएं लटक गईं या शुरू नहीं हुईं।
फडणवीस ने कहा, ''हमारी सरकार के सत्ता में आने के बाद, हमने अपने हिस्‍से का भुगतान कर दिया है और अब इस लाइन पर काम फिर से शुरू हो गया है।'' उन्होंने कहा कि ठाकरे ने योजनाबद्ध तरीके से धन की कमी करके बहुप्रचारित 'मराठवाड़ा वाटर ग्रिड' परियोजना को भी खत्म कर दिया।
पवार ने तुलजा भवानी मंदिर और अन्य पूजा स्थलों सहित विभिन्न धार्मिक पर्यटन स्थलों के विकास पर जोर दिया, जिन्हें पर्यटकों और तीर्थयात्रियों के लिए सुविधाओं में सुधार के लिए धन स्वीकृत किया जाएगा।
शिंदे ने आदर्श सहकारी क्रेडिट सोसाइटी घोटाले के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए एआईएमआईएम सांसद इम्तियाज जलील से भी मुलाकात की, जिसमें हजारों लोगों से उनकी मेहनत की कमाई के करोड़ों रुपये ठगे गए हैं।
जलील ने कैबिनेट ब्रीफिंग स्थल के पास एक विशाल जुलूस का नेतृत्व किया और शिंदे ने आश्वासन दिया कि सरकार घोटाले से प्रभावित संगठन की संपत्तियों को अपने कब्जे में ले लेगी और उन्‍हें बेचकर ग्राहकों का बकाया चुकाया जायेगा।
हैदराबाद निज़ाम शासन से मराठवाड़ा की मुक्ति के लिए 75 साल पहले संघर्ष का नेतृत्व करने वाले पूर्व सांसद स्वामी रामानंद तीर्थ के सम्मान में नई दिल्ली में एक प्रतिमा का निर्माण इस चुनावी सौगातों के मुख्य आकर्षणों में से एक है।
सरकार ने 14,040 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से राज्य की नदियों के पानी को गोदावरी बेसिन में स्थानांतरित करके और क्षेत्र में आठ लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि की सिंचाई करके मराठवाड़ा को 'सूखा-मुक्त' बनाने की महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की।
अन्य परियोजनाओं में पैठन में संत ज्ञानेश्वर पार्क का नवीनीकरण, सिंचाई के लिए वैजापुर के शनिदेवगांव में एक उच्च स्तरीय बांध शामिल है।
इस क्षेत्र में घृष्णेश्वर मंदिर, तुलजा भवानी मंदिर, औंधा नागनाथ मंदिर, श्री उदगीर बाबा की समाधि, मुर्देश्वर मंदिर, पाथरी में साईबाबा मंदिर, जो श्रद्धेय संत का जन्मस्थान था और जिनकी समाधि शिर्डी में है, का पुनरोद्धार किया जायेगा।
अन्य परियोजनाओं में 3,439 आंगनवाड़ी का निर्माण कर महिला एवं बाल विकास को बढ़ावा देना, एक खेल विश्वविद्यालय और एक अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम, कई जिलों में खेल परिसर, स्कूल और उच्च शिक्षा से संबंधित पहल, छत्रपति शिवाजी महाराज थीम पार्क सहित विभिन्न स्मारकों और पर्यटन स्‍थलों का नवीकरण शामिल हैं।
बीड कलक्ट्रेट के लिए नई इमारत बनेगी, चार स्थानों पर नए एमआईडीसी बनेंगे, 300 किमी सड़क की मरम्‍मत और चौड़ीकरण का काम होगा, नांदेड़ में अहमदाबाद के साबरमती घाट की तर्ज पर गोदावरी नदी पर रिवरफ्रंट बनेगा, 75 ग्राम पंचायतों के लिए स्वतंत्र कार्यालयों का निर्माण होगा, बीड जिला परिषद की नई इमारत बनेगी, निज़ाम-युग के 18 थानों को आधुनिक बनाया जायेगा, विभिन्न शहरों, बांधों, अस्पतालों आदि में तैनात किए जाने वाले 1,197 इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ बस स्टेशनों में सुधार किया जायेगा।
क्षेत्र को विभिन्न नगर परिषदों/नगर पंचायतों और नगर निगमों में बुनियादी नागरिक सुविधाएं बढ़ाने, जल आपूर्ति परियोजनाओं, सीवरेज योजनाओं, झील कायाकल्प पहलों, एक वर्ष में 432 ग्राम पंचायतों को भारतनेट से जोड़ने, मराठवाड़ा मुक्ति संघर्ष पर एक संग्रहालय बनाने, ईजीएस के तहत कुएं खोदनने और क्षेत्र के लिए कई कृषि परियोजनाओं के लिए धन मिलेगा।
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