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महाराष्ट्र सरकार की शराब नीति के खिलाफ अन्ना हजारे, 14 फरवरी से करेंगे भूख हड़ताल की शुरुआत
Deepa Sahu
9 Feb 2022 6:49 PM GMT
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सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे (Anna Hazare) ने बुधवार को कहा कि वह सुपरमार्केट और किराना दुकानों में शराब की बिक्री की अनुमति देने वाली महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra) की नीति के विरोध में 14 फरवरी से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करेंगे.
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे (Anna Hazare) ने बुधवार को कहा कि वह सुपरमार्केट और किराना दुकानों में शराब की बिक्री की अनुमति देने वाली महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra) की नीति के विरोध में 14 फरवरी से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करेंगे. हजारे ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को एक पत्र लिखा है. ठाकरे को लिखे अपने पत्र में हजारे ने कहा कि राज्य के लोगों ने मांग की है कि सुपरमार्केट और आस-पड़ोस की दुकानों में शराब की बिक्री की अनुमति देने वाली नीति को तुरंत वापस लिया जाए.
हजारे (84) ने एक बयान में कहा कि वह 14 फरवरी को अहमदनगर जिले के रालेगांव सिद्धि से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करेंगे. हजारे ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए दो पत्र लिखे थे, जिसमें उनसे निर्णय वापस लेने का आग्रह किया गया था, लेकिन इसके बारे में कोई जवाब नहीं मिला. अपने पिछले पत्रों में हजारे ने कहा था कि सुपरमार्केट और किराने की दुकानों में शराब की बिक्री की अनुमति देने का निर्णय राज्य के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है और यह आने वाली पीढ़ियों के लिए खतरनाक साबित होगा.
क्या है नई नीति
महाराष्ट्र सरकार की ओर से हाल ही में सुपरमार्केट और आस-पड़ोस की दुकानों पर शराब की बिक्री के लिए अलग से स्टॉल लगाने से जुड़ा आदेश दिया था. नए नियम के मुताबिक जगह का क्षेत्रफल 100 मीटर या उससे अधिक हो. इसके साथ ही उसका महाराष्ट्र की दुकान और प्रतिष्ठान कानून के तहत रजिस्ट्रेशन जरूरी है. आदेश में कहा गया था कि धार्मिक स्थलों और स्कूल कॉलेज के पास सुपरमार्केट में शराब नहीं बिकेगी. इसके अलावा जिन जिलों में शराब की बिक्री नहीं होती वहां भी शराब नहीं बिकेगी. शराब बेचने के लिए सुपरमार्केट को पांच हजार रुपए का शुल्क देना होगा.
दूध उत्पादकों ने दी आंदोलन की चेतावनी
महाराष्ट्र में दुग्ध उत्पादक किसान संघर्ष समिति ने सरकार से मांग की है कि दूध के दाम बढ़ाए जाएं. उन्होंने मांग की है कि सरकार राज्य में शराब की जगह दूध को प्रथमिकता दे. अगर मांग पूरी न हुई तो राज्य भर में आंदोलन होगा. समिति के संयोजक अजित नवले ने कहा कि महाविकास अघाड़ी सरकार ने शराब बिक्री को बढ़ावा देने के लिए फैसला लिया है. लेकिन अफसोस की बात यह है कि दूध उत्पादकों की मदद के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए हैं.
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