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महाराष्ट्र में राजनीतिक घटनाक्रम इस समय बेहद रोमांचक हो गया है। यहां चाचा और भतीजा एक दूसरे के आमने सामने है। कुछ समय पहले तक एक दूसरे के साथ रहने वाले एनसीपी नेता अजित पवार और शरद पवार आज एक दूसरे के धुर विरोधी बन गए है। जैसे ही चाचा शरद पवार से बगावत कर अजित पवार ने शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और बीजेपी का दामन थामा उन्हें राज्य का उपमुख्यमंत्री पद भी मिल गया। वहीं शरद पवार अपने कुछ चुनिंदा विधायकों के साथ अकेले रह गए है। अजित पवार और उनके समर्थकों का दावा है कि अधिकतर विधायकों ने शरद पवार का साथ छोड़ दिया है और वो अजित के साथ है। ऐसे में चाचा-भतीजे के बीच शुरू हुई इस लड़ाई में देखना होगा कि जीत किस खेमे की होती है।
गौरतलब है कि ये पहला मौका नहीं है जब किसी परिवार के चाचा-भतीजा आमने सामने आए है। इससे पहले राजनीतिक परिवार के कई चाचा-भतीजे एक दूसरे की बगावत कर चुके है। यानी राजनीति में चाचा भतीजे के बीच तकरार कोई नई नहीं है। सत्ता हासिल करने के लिए या अपना हक लेने के लिए एक ही परिवार के दो लोग खासतौर से चाचा-भतीजे कई बार एक दूसरे के विरोध में जा चुके है। सत्ता रिश्तों में मनमुटाव का कारण पहले भी बनती आई है, जैसा हाल ही में महाराष्ट्र में देखने को मिला है।
चिराग पासवान और पशुपति कुमार पारस
बिहार में लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष राम विलास पासवान के निधन के बाद चाचा और भतीजे के बीच का विवाद सार्वजनिक हुआ था। राम विलास पासवान के भाई पशुपति कुमार पारस और चिराग पासवान ने खुलकर एक दूसरे का विरोध किया था। दोनों ने ही पार्टी पर अपना दावा ठोका था और मामला इतना बढ़ा था कि इसे सुलझाने के लिए चुनाव आयोग की मदद लेनी पड़ी थी। बाद में चुनाव आयोग ने पार्टी के दो टुकड़े किए थे।
अखिलेश यादव और शिवपाल यादव
समाजवादी पार्टी में भी इस तरह का विवाद सामने आ चुका है। मुलायम सिंह यादव ने 2012 में चुनाव जीतकर अखिलेश यादव को सीएम बनाया था। वर्ष 2015 तक पार्टी सही से चली मगर पार्टी अध्यक्ष बनाए जाने के समय परिवार की तकरार सामने आ गई। अध्यक्ष पद के लिए शिवपाल ने भी दावा ठोका, मगर मुलायम भाई को दरकिनार कर बेटे को ही अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी। हालांकि मुलायम सिंह ने चाचा भतीजे के बीच सुलह कराई थी। आज भी दोनों चाचा भतीजे के बीच कड़वाहट खत्म हो चुकी है।
प्रकाश सिंह बादल और मनप्रीत सिंह बादल
पंजाब के कद्दावर नेता प्रकाश सिंह बादल और उनके भतीजे मनप्रीत सिंह बादल भी सत्ता को लेकर एक दूसरे के विरोधी हो चुके है। मुख्यमंत्री पद को लेकर दोनों ही नेता आमने सामने आ चुके है। प्रकाश सिंह बादल ने अपने बेटे सुखबीर सिंह बादल को कमान सौंपी जबकि मनप्रीत मान रहे थे कि ये पद उन्हें दिया जाएगा। इस कारण दोनों के बीच रिश्ते में खटास आई। वर्ष 2010 में उन्होंने चाचा का साथ छोड़ दिया और बाद में बीजेपी का दामन थामा।
बाल ठाकरे और राज ठाकरे
महाराष्ट्र की राजनीति में किसी समय में राज ठाकरे की तूती इतनी बोलती थी कि उन्हें बाल ठाकरे का उत्तराधिकारी माना जाता था। मगर बाला साहेब ठाकरे ने इस उम्मीद को दरकिनार करते हुए अपने बेटे उद्धव ठाकरो को शिवसेना की कमान सौंपी, जिससे आक्रामक तेवर वाले राज ठाकरे नाराज हो गए। इसके बाद राज ठाकरे पूरी तरह से अपने चाचा बाला साहेब ठाकरे के विरोध में आ गए थे। बाला साहेब ठाकरे की तरह ही राज ठाकरे के भाषणों को भी लोग चाव से सुनते थे, जिनमें गहराई होती थी। मगर पार्टी की कमान उद्धव को सौंपे जाने के बाद राज ठाकरे ने अपनी राहें अलग कर ली और अपनी अलग पार्टी वर्ष 2006 में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना बना ली।
नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव
इस सूची में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव का नाम भी शामिल है। दोनों रिश्ते में तो चाचा भतीजा नहीं हैं मगर तेजस्वी यादव नीतीश को चाचा कहकर ही संबोधित करते है। वहीं हाल ही में जैसे ही लैंड फॉर स्कैम मामले में तेजस्वी यादव के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हुई है नीतीश कुमार ने उनसे दूरियां बढ़ाना शुरू कर दिया है। सत्ता के लिए दोनों के बीच नजदिकियां और मनमूटाव होना जारी रहा है।