महाराष्ट्र

शिवाजी विवाद को लेकर चला ‘जूता मारो अभियान’ तो भड़क उठे Ajit Pawar

Rajesh
3 Sep 2024 8:23 AM GMT
शिवाजी विवाद को लेकर चला ‘जूता मारो अभियान’ तो भड़क उठे Ajit Pawar
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महाराष्ट्र: महाराष्ट्र की राजनीति में वीर शिवाजी की प्रतिमा के टूट जाने से विवाद गहराता जा रहा है। इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम अजित पवार ने कई बार माफी मांग ली है, लेकिन फिर भी विपक्ष नाराज है, आक्रोशित है और लगातार सरकार के खिलाफ ही आवाज बुलंद कर रहा है। इस पूरे विवाद को वीर शिवाजी के अपमान से जोड़ दिया गया है।
शिवाजी विवाद: क्यों नाराज हुए अजित पवार?
इसी कड़ी में महा विकास अघाड़ी ने ‘जूता मारो अभियान’ भी शुरू कर दिया था जिससे अब अजित पवार खासा नाराज हो गए। उन्होंने अब महा विकास अघाड़ी को ही चेतावनी देने का काम किया है। वे कहते हैं कि कुछ लोगों ने हमारे खिलाफ जूता मारो आंदोलन चलाया। उनकी तरफ से सीएम शिंदे, फडणवीस और मेरी फोटो पर जूता मारा गया। लेकिन ऐसे जूते क्यों मार रहे हो, हिम्मत है तो सामने आओ ना, फिर दिखाता हूं। ऐसे चीटिंग क्यों कर रहे हो। अजित पवार ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए यहां तक कहा कि इस मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिए।
वे कहते हैं कि आप लोग खुद बताएं कौन सरकार चाहेगी कि ऐसी घटना हो? छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति टूटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है, वो सभी के भगवान है। हमने राज्य की जनता से माफी मांग ली है, राजनीति करने की अब जरूरत नहीं है। इससे पहले भी अजित पवार ने कहा था कि मैं राज्य का डिप्टी सीएम होने के नाते महाराष्ट्र की 13 करोड़ जनता से माफी मांगता हूं। शिवाजी महाराज हमारे देवता हैं और उनकी मूर्ति का गिरना मेरे और राज्य के सभी शिव प्रेमियों के लिए बहुत दुख की बात है।
शिवाजी मूर्ति की सारी जानकारी
जानकारी के लिए बता दें कि 8 महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही सिंधुदुर्ग में 35 फीट ऊंची शिवाजी महाराज की प्रतिमा का उद्घाटन किया था। बड़ी बात यह थी कि नौसेना दिवस के मौके पर उन्होंने इस प्रतिमा को देश को समर्पित किया। समय से पहले छत्रपति शिवाजी ने जिस तरह से देश की नौसेना की नींव रखी थी, उसी बात को ध्यान में रखते हुए उस प्रतिमा को सिंधुदुर्ग में स्थापित किया गया।
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