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मुंबई। मंत्री और मंत्री कार्यालय को गुमराह कर आपसी निर्णय लेने पर खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के मंत्री रविंद्र चव्हाण (Ravindra Chavan) ने विभाग के सह सचिव को जोरदार झटका दिया। मंत्री ने अधिकारी की हरकत को गंभीरता से लेते हुए उनका तबादला मूल विभाग में करने का आदेश दिया। साथ ही मंत्री ने विभाग के सचिव को मंत्री कार्यालय को जानबूझकर गुमराह करने वाले अधिकारी के खिलाफ तत्काल जांच कर दोषी के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया।
विभाग का पदभार स्वीकार करने के बाद मंत्री चव्हाण ने कहा था कि विभाग में किसी भी तरह की गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने समय-समय पर स्पष्ट किया कि विभाग का कामकाज पूरी तरह से स्वच्छ और पारदर्शी होना चाहिए। ऐसे में यह गंभीर घटना के संज्ञान में आने के बाद मंत्री चव्हाण ने प्रतिनियुक्ति पर आए खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के संयुक्त सचिव सुधीर देवदत्त तुंगार को मूल विभाग में भेजने का आदेश दिया। तुंगार का जानबूझकर किया गया कृत्य सरकार के फैसले का उल्लंघन है, इसलिए यह बताया गया है कि संयुक्त सचिव तुंगार इस मामले में प्रथम दृष्टया जिम्मेदार हैं और मंत्री चव्हाण ने विभाग के सचिव को उनके खिलाफ कार्रवाई करने का लिखित आदेश दिया है।
भंडारा, गोंदिया, गडचिरोली व चंद्रपुर जैसे धान उत्पादक जिलों में धान से तैयार होने वाले सीएमआर (चावल) को अन्य जिलों में संग्रह एवं वितरण करने के संदर्भ में प्रारुप तैयार कर उसे शासन की मान्यता देने का वर्ष 2020 में निर्णय लिया है, लेकिन इस प्रकरण में विभाग ने इस विषय की फाइल पर मंत्री चव्हाण की मंजूरी न लेते हुए इस बारे में परस्पर निर्णय लिया गया। इतना ही नहीं 20 सितंबर 2022 के पत्र में संग्रह और वितरण करने के बारे में निर्देश दिए गए थे। विशेष बात यह है कि यह निर्णय लेने के बाद मंत्री चव्हाण के अवलोकनार्थ फाइल केवल सुविधा के रूप में प्रस्तुत की गई थी। इससे तुंगार के मंत्री कार्यालय को गुमराह करने और उसे अंधेरे में रखने के काम का खुलासा हो गया। इसके बाद उन पर कार्रवाई की गई। मंत्री चव्हाण ने यह भी स्पष्ट किया कि निकट भविष्य में इस तरह के किसी भी कदाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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