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एक परिवार के 9 सदस्यों की संदिग्ध हालात में मौत, जांच में जुटी पुलिस
महाराष्ट्र के सांगली इलाके में सोमवार को एक परिवार के 9 सदस्यों की संदिग्ध हालात में मौत ने राजधानी दिल्ली के बुराड़ी में हुई सामूहिक आत्महत्या की यादों को ताजा कर दिया। बुराड़ी में एक साथ 11 लोगों की मौत का मामला देशभर की मीडिया के अलावा पूरे विश्व में छाया रहा। यहां तक नेटफ्लिक्स ने तो घटना को लेकर एक डॉक्यूमेंट्री तक बना ली।
आज भी पुलिस समेत जांच करने वाले बाकी अधिकारी घटना को याद करते हैं तो उनके रौंगटे खड़े हो जाते हैं। बुराड़ी के चुंडावत परिवार ने अनुष्ठान के चक्कर में घर के 11 लोगों की जान को दाव पर लगाकर उनको गंवा दिया था। हालांकि जब इनकी मनोवैनिक ऑटोप्सी (पोस्टमार्टम) करवाई गई तो पता चला कि कोई भी आत्महत्या नहीं करना चाहता था।
महाराष्ट्र के सांगली इलाके में सोमवार को एक परिवार के 9 सदस्य अलग-अलग मकानों में मृत पाए गए। पुलिस को आशंका है कि दो भाइयों के परिवार ने आर्थिक तंगी की वजह से सामूहिक रूप से आत्महत्या करने का फैसला किया। सोमवार को जैसे ही इस घटना का पता चला तो बुराड़ी सामूहिक आत्महत्या की भयानक यादें ताजा हो गईं।
एफएसएल टीम का हिस्सा रहे एक अधिकारी ने बताया कि उस मंजर को याद कर आज भी उनकी नींद उड़ जाती है। मकान की छत पर बने जाल में वटवृक्ष की शाखाओं की तरह दस शव लटके हुए थे। सभी के हाथ और पैर बंधे हुए थे। उनकी आंखों पर सफेद रंग की पट्टी बंधी हुई थी। जांच करने पहुंचे अधिकारी जब उनकी फोटोग्राफी कर रहे थे तो बार-बार इन लटके हुए शवों से टकरा रहे थे। शुरुआत में पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर छानबीन क्राइम ब्रांच को सौंप दी।
छानबीन हुई तो घर से मिले रजिस्टरों ने सामूहिक हत्याकांड से पर्दा उठा दिया। इस मामले को सुलझाने के लिए मनोवैज्ञानिकों के अलावा तमाम एक्सपर्ट का सहारा लिया गया। जांच के दौरान पता चला कि परिवार बेहद मिलनसार और धार्मिक था। घर में एक बेटी की शादी होने वाली थी। चंद रोज पहले उसकी मंगनी का कार्यक्रम भी हुआ था।
आगे शादी की तैयारियां भी चल रही थीं। ऐसे में कोई सामूहिक आत्महत्या कैसे कर सकता था। घर के मंदिर में रजिस्टर और परिजनों के मोबाइल बंद थे। इन सभी शवों से अलग घर की मुखिया महिला नारायण देवी का शव दूसरे कमरे से बरामद हुआ था। रजिस्टर के हिसाब से उनकी राइटिंग का मिलान भी करवाया गया।
घर में चुंडावत परिवार की 77 वर्षीय नारायण देवी, उनके बेटे भवनेश भाटिया, ललित भाटिया, इनकी पत्नियां सविता और टीना, बेटी प्रतिभा और पोता, पोती, नाती प्रियंका, नीतू, मोनू, ध्रुव और शिवम के शव मिले थे। रजिस्टरों में लिखा था कि मरे हुए पिता के कहने पर मोक्ष प्राप्ति के लिए परिवार ने ऐसा अनुष्ठान किया है। छानबीन के बाद इस मामले को आत्महत्या का मानकर इसकी जांच को बंद कर दिया गया था।