महाराष्ट्र

एसआरए की 68 योजनाएं म्हाडा को

Rani Sahu
28 Sep 2022 4:21 PM GMT
एसआरए की 68 योजनाएं म्हाडा को
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मुंबई। उपमुख्यमंत्री (deputy chief minister) और गृह निर्माण मंत्री देवेंद्र फडणवीस (Home Works Minister Devendra Fadnavis) ने कहा कि झोपड़पट्टी पुनर्विकास की बंद पड़ी 68 योजना डेवलपर्स से वापस लेकर उन्हें म्हाडा को देने का निर्णय लिया गया है। साथ ही यह सुनिश्चित करने के लिए एक योजना लागू की जाएगी कि निवासियों को म्हाडा और एसआरए परियोजनाओं में नियमित किराया मिले।
फडणवीस ने बुधवार को म्हाडा और झोपड़पट्टी पुनर्विकास प्राधिकरण (SRA) की योजनाओं की समीक्षा की। इस बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए फडणवीस ने कहा कि म्हाडा और एसआरए के माध्यम से लागू कई परियोजनाएं ठप पड़ी हैं, इसलिए निवासियों को डेवलपर्स से नियमित किराया नहीं मिल रहा है, इसलिए यह सुनिश्चित करने के लिए एक योजना बनाई जाएगी कि परियोजना को पूरा करते समय निवासियों को नियमित किराया मिले।
म्हाडा को समूह विकास योजनाओं को लागू करने का निर्देश दिया गया है। यह योजना मुंबई (Mumbai) में लागू की जाएगी, जहां म्हाडा कॉलोनियां हैं। फडणवीस ने कहा कि इससे निवासियों को ज्यादा जगह मिलेगी। बैठक में बीडीडी चाल के पुनर्विकास की समीक्षा की गई। उन्होंने कहा कि म्हाडा की योजनाओं को तेजी से क्रियान्वित करते हुए तेजी से निर्णय लेकर नागरिकों को बड़ी संख्या में फ्लैट उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है।
किसानों के लिए 2 लाख सौर कृषि पंप
ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक में राज्य के किसानों को दो लाख सौर कृषि पंप, मार्च 2022 तक सभी कृषि पंप को जोड़ने का बैकलॉग पूरा करने और कृषि फीडर को सौर ऊर्जा में बदलने के महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बुधवार को बांद्रा स्थित प्रकाशगड कार्यालय में महाऊर्जा नियामक मंडल की बैठक उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई। बैठक में महावितरण, महापारेषण, महानिर्मिती, होल्डिंग कंपनी सहित ऊर्जा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। उपमुख्यमंत्री ने राज्य में दो लाख सौर कृषि पंप का लक्ष्य पूरा करने की बात कहते हुए कहा कि केंद्र सरकार की कुसुम योजना के तहत एक लाख सौर कृषि पंप मेडा सहित महावितरण के माध्यम से देने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा मार्च 2022 तक के संपूर्ण पेड पेंडिंग को पूरा करने की योजना थी। कृषि फीडर को सौर ऊर्जा पर लाने की योजना हमारे काल में शुरू की गई थी। इसे अब गति दी जाएगी। इसमें 4 हजार मेगावॉट फीडर सौर ऊर्जा पर लाई जाएगी। इससे किसानों को 24 घंटे बिजली मिलेगी। साथ ही सब्सिडी का भार कम होगा।
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