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एकनाथ शिंदे से 22 विधायकहो गए है ज्यादा नाराज,अब थाम सकते हैं भाजपा का दामन
शिवसेना का मुखपत्र सामना (shiv sena mouthpiece saamana): शिवसेना के दो धड़ों- उद्धव ठाकरे गुट और एकनाथ शिंदे गुट के बीच चुनाव निशान और पार्टी के नाम को लेकर मचा विवाद थमने के बाद भी राजनीतिक उठापटक लगातार जारी है। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के मुखपत्र सामना में एक बड़ा दावा करते हुए कहा गया है कि एकनाथ शिंद से उनके 22 विधायक नाराज हैं, जो बहुत जल्द भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं। आपको बता दें कि एकनाथ शिंदे ने जिस समय शिवसेना में बगावत की थी, तो उनके साथ पार्टी के 40 विधायक टूटकर गए थे, जिनके समर्थन से शिंदे ने भाजपा संग मिलकर महाराष्ट्र में नई सरकार बनाई।
किसी भी समय हटाई जा सकती है शिंदे की कुर्सी' 'सामना' के साप्ताहिक कॉलम में उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने लिखा है, 'एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा ने महाराष्ट्र में सरकार का एक अस्थाई सिस्टम बनाया है। इस बात को अब सभी समझ चुके हैं कि एकनाथ शिंदे के नीचे से मुख्यमंत्री की कुर्सी किसी भी समय हटाई जा सकती है। अंधेरी ईस्ट उपचुनाव में एकनाथ शिंदे गुट को अपना उम्मीदवार उतारना चाहिए था, लेकिन भाजपा ने उन्हें ऐसा करने से मना कर दिया।'
शिवसेना ने अपने कॉलम में लिखा, 'एकनाथ शिंदे गुट दावा करता है कि महाराष्ट्र के ग्राम पंचायत और सरपंच चुनाव में उन्हें जीत मिली है, जो पूरी तरह एक झूठा दावा है। एकनाथ शिंद से उनके गुट के कम से कम 22 विधायक इस समय नाराज हैं और इनमें से बड़ी संख्या में विधायक बहुत जल्द भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने वाले हैं।'
सामना में शिवसेना ने आगे कहा, 'भाजपा के साथ जाकर एकनाथ शिंदे ने खुद का और महाराष्ट्र का बहुत बड़ा नुकसान किया है और इसके लिए प्रदेश की जनता उन्हें कभी माफ नहीं करेगी। अपने फायदे के लिए भाजपा एकनाथ शिंदे का इस्तेमाल कर रही है और आगे भी करती रहेगी। भाजपा के एक नेता ने ही बताया कि सरकार को एकनाथ शिंदे गुट के 40 विधायक चला रहे हैं और इन विधायकों पर मुख्यमंत्री कार्यालय का कोई नियंत्रण नहीं है। सरकार में जो भी फैसला लिया जाता है, वो डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस लेते हैं और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे केवल उन फैसलों का ऐलान करते हैं।'