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12 साल बाद नेटफ्लिक्स सीरीज 'स्कूप' पत्रकार जे. डे की हत्या को फिर से करेगी जिंदा

mukeshwari
1 Jun 2023 10:54 AM GMT
12 साल बाद नेटफ्लिक्स सीरीज स्कूप पत्रकार जे. डे की हत्या को फिर से करेगी जिंदा
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मुंबई। मुंबई के अपराध पत्रकार ज्योतिर्मय डे की हत्या की 12वीं बरसी से पहले नेटफ्लिक्स 2 जून से 'स्कूप' को स्ट्रीम करेगा। एक ऐसी सीरीज, जो माफिया द्वारा उनके रक्तरंजित अंत की यादों को फिर से ताजा करने का वादा करती है। राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म निर्माता हंसल मेहता ('शाहिद' और 'स्कैम: 1992') द्वारा निर्देशित, 'स्कूप' में करिश्मा तन्ना, मोहम्मद जीशान अय्यूब, प्रोसेनजीत चटर्जी, हरमन बवेजा, तनिष्ठा चटर्जी और देवेन भोजानी मुख्य भूमिकाओं में हैं।

यह श्रृंखला जीवनी उपन्यास 'बिहाइंड बार्स इन बायकुला: माई डेज इन प्रिजन' पर आधारित है, जिसे पूर्व पत्रकार जिग्ना वोरा ने लिखा था, जो डे हत्याकांड के मुख्य अभियुक्तों में से एक थीं। लेकिन सात साल की कठिन परीक्षा के बाद, उसे आखिरकार 2018 में बरी कर दिया गया और 2019 में बॉम्बे हाई कोर्ट ने भी दोषमुक्त करार दिया। मल्टी-सिटी टैबलॉयड 'मिड-डे' के इन्वेस्टिगेशन एडिटर 55 वर्षीय डे की 11 जून 2011 को अपराह्न् करीब 3 बजे गोली मारकर हत्या कर दी गई। चार शार्पशूटर मोटरसाइकिल पर आए और सनसनीखेज वारदात को अंजाम देकर गायब हो गए।

जिस समय डे घाटकोपर में अपनी मां से मिलने के बाद मोटरसाइकिल से पवई अपने घर लौट रहे थे, तभी चार सदस्यीय गिरोह ने हीरानंदानी गार्डन के पास उन पर हमला कर दिया। उन्हें एक स्थानीय अस्पताल और फिर हीरानंदानी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन मृत घोषित कर दिया गया। मुंबई पुलिस को संदेह था कि यह एक पेशेवर तरीके से किया गया ऑपरेशन था और शायद डे के पेशेवर काम से संबंधित था, जो बाद में सच साबित हुआ। अंडरवल्र्ड ने हत्या की साजिश रची थी। भारी दबाव में, मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने कई टीमों का गठन किया और लगभग 16 दिनों में मामले को सुलझा लिया और देश के विभिन्न राज्यों से सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

जबकि तीन को चेंबूर (मुंबई) से पकड़ा गया था, एक को सोलापुर से और दो अन्य को तमिलनाडु के रामेश्वरम से पकड़ा गया था। वारदात का मास्टरमाइंड खूंखार माफिया डॉन, राजेंद्र एस. निखलजे उर्फ छोटा राजन बताया गया। जिसने विदेश से ऑपरेशन को नियंत्रित किया। जिन लोगों को पकड़ा गया और बाद में उन्होंने मुकदमे का सामना किया उनमें रोहित थंगप्पन जोसेफ उर्फ सतीश कालिया, अरुण जे. डेक, अभिजीत के. शिंदे; अनिल बी वाघमोडे, नीलेश एन. शेंडगे उर्फ बबलू, सचिन एस. गायकवाड़, मंगेश डी. अगवने, दीपक सिसोदिया; वोरा और जोसेफ पॉलसन (दोनों को छोड़ दिया गया); और विनोद चेंबूर की मुकदमे के दौरान मृत्यु हो गई।

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प्रकाश सिंह पिछले 3 सालों से पत्रकारिता में हैं। साल 2019 में उन्होंने मीडिया जगत में कदम रखा। फिलहाल, प्रकाश जनता से रिश्ता वेब साइट में बतौर content writer काम कर रहे हैं। उन्होंने श्री राम स्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी लखनऊ से हिंदी पत्रकारिता में मास्टर्स किया है। प्रकाश खेल के अलावा राजनीति और मनोरंजन की खबर लिखते हैं।

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