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राज्य के पांच निकायों में अमृत-1 में नहीं हो पाए काम, दो में काम पिछड़ा
भोपाल न्यूज़: सूबे में अमृत-2 योजना को लेकर डीपीआर तैयार की जा रही है. निकायों में जलापूर्ति, सीवरेज, जलाशयों के शुद्धिकरण, पार्कों को सुंदर बनाने 12858.71 करोड़ का फंड मंजूर हुआ है. हालांकि अमृत-1 में रीवा, सतना, सिवनी, सिंगरौली और कटनी को फंड मिलने के बाद भी काम नहीं हो पाया. अमृत-1 प्रोजेक्ट मार्च में खत्म होगा. ऐसे में अधिकारियों ने इन निकायों के टेंडर निरस्त कर नए सिरे से कवायद शुरू कर दी. ये शहर तीन वर्ष पिछड़ गए हैं.
प्रदेश में एक लाख से ज्यादा आबादी वाले 33 निकायों को अमृत-1 में 6687 करोड़ रुपए 2016-17 में दिए गए थे. भोपाल-इंदौर जैसे शहरों ने तो समय सीमा में काम खत्म कर अमृत-2 के लिए डीपीआर तैयार करने की कवायद शुरू कर दी है, लेकिन रीवा, सतना, कटनी, सिंगरौली में सीवेज नेटवर्क और ट्रीटमेंट प्लांट, पार्क, जलाशय के लिए जिन कंपनियों को टेंडर दिया था, उनका निकायों से राशि को लेकर विवाद हो गया. यहां पांच सालों में 20-30% काम हो पाया. ये शहर योजना में पिछड़ गए. वहीं, सिवनी ने तो डीपीआर पर ही काम नहीं किया.
यहां 30%काम बाकी
जबलपुर में 70 प्रतिशत काम हो पाया है. उज्जैन में कंपनी ने करीब 65 प्रतिशत काम किया. अब डेढ़ माह में 40 प्रतिशत काम करना मुश्किल होगा. अधिकारियों ने कंपनी को निलंबित करने का नोटिस दिया है. नगरीय प्रशासन आयुक्त भरत यादव के अनुसार चार शहरों में कंपनी को निलंबित कर दिया गया. यहां नए सिरे से काम होगा. उज्जैन-जबलपुर में कंपनी को समय सीमा में काम खत्म करने को कहा गया है.