मध्य प्रदेश

महिलाओं के छूते ही हो जाते हैं बेहोश जानिए क्या कहते हैं, Conversion Disorder का शिकार पुजारी

Admin4
22 Jun 2022 3:54 PM GMT
महिलाओं के छूते ही हो जाते हैं बेहोश जानिए क्या कहते हैं, Conversion Disorder का शिकार पुजारी
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महिलाओं के छूते ही हो जाते हैं बेहोश जानिए क्या कहते हैं, Conversion Disorder का शिकार पुजारी

भोपाल। पुजारी के मन में ऐसा भ्रम था कि महिलाओं के छूने से वह बेहोश होता है, ऐसे में डॉक्टरों की टीम ने उसे बिना बताए महिला स्टाफ बोलकर पुरुष अटेंडेड से छूने के लिए कहा, जिसका पता पुजारी को नहीं था और जैसे ही पुरुष अटेंडेड ने पुजारी को छुआ, वह बेहोश हो गया. दरअसल यह केस भोपाल के जेपी अस्पताल से सामने आया, जिसमें मनोचिकित्सक डॉक्टर आरके बैरागी का कहना है कि "यह मनोरोग से जुड़ा हुआ पेशेंट था, (Conversion Disorder) जिसको अभी फिलहाल दवाई दे दी गई है और उसका उपचार जारी है.

महिला छू लेती है तो बेहोश हो जाते हैं पुजारी: किसी भी चीज को ज्यादा सोचने और करते रहने से कई बार वह मनोरोग की श्रेणी में भी आ जाती है, अगर आप बार-बार हाथ धोते हैं और मन में बसा लेते हैं कि हाथ धोना अच्छा है तो उसे भी मनोरोग कहा जाता है. ऐसा ही भोपाल के जेपी अस्पताल में एक तरह का अलग ही केस सामने आया, मनोरोग विभाग में बैरसिया के हनुमान मंदिर के एक पुजारी को लेकर कुछ भक्तगण पहुंचे तो, वह महिला नर्स के छूते ही बेहोश हो गए. जब कुछ समय बाद पुजारी होश में आए तो उन्होंने बताया कि " जब कोई महिला छू लेती है तो मैं बेहोश हो जाता हूं, क्योंकि मुझ पर भगवान हनुमान जी की शक्ति आती है, जो ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं."

कन्वर्जन डिसॉर्डर का मामला: इसके बाद मनोरोग विशेषज्ञ डॉक्टर आरके बैरागी ने पुजारी का एग्जामिनेशन शुरू किया तो उन्होंने पुजारी से कहा गया कि "आप बैठे रहिए हमारी महिला नर्स आपको छुएगी, फिर देखते हैं कि आप बेहोश हो पाते हैं या नहीं." इस बात पर पुजारी तैयार हो गए, ऐसे में महिला नर्स ने पुजारी को छूने की जगह पास में खड़े हुए पुरुष अटेंडर को बोला कि बाबा को छू लो, लेकिन ये बात बाबा को पता नही थीं. पुरुष अटेंडर ने जैसे ही पुजारी के हाथ को छुआ, तो वह बेहोश हो गए और कहने लगे कि "महिला नर्स ने मुझे छुआ था, इसलिए मैं बेहोश हो गया था." इसके बाद डॉक्टरों ने इलाज शुरू किया, डॉक्टर आरके बैरागी बताते हैं कि "यह एक तरह की कन्वर्जन डिसॉर्डर है, इस बीमारी के अंदर कोई भी व्यक्ति अपने आपको हुबहू उसी तरह समझने लगता है जिसको वह अपनाता है. जैसे कोई अमिताभ बच्चन या डॉक्टर की एक्टिंग करें तो वह अपने आपको डॉक्टर ही समझने लगता है या कलाकार, इसी तरह इस साधु बाबा ने भी अपने अंदर ईश्वर की शक्ति समझ कर खुद को ईश्वर समझना शुरू किया, लेकिन यह पूरा का पूरा मामला मानसिक बीमारी का है."

जारी है पुजारी का उपचार: कुछ दिन पहले भी एक बार यह साधु इलाज के लिए जे पी अस्पताल पहुंचा था, बैरसिया के कुछ लोग उनके ऐसे ही बर्ताव के चलते उन्हें यहां लेकर आए थे. इस दौरान लोगों ने डॉक्टर आरके बैरागी को बताया था कि "साधु बाबा को कोई भी महिला छूती या स्पर्श करती है तो वह बेहोश हो जाते हैं." जिसके बाद से ही बाबा को लगातार काउंसलिंग के बाद इलाज दिया जा रहा है, डॉक्टर का कहना है कि "सिर्फ यह एक साधु बाबा ही नहीं ऐसे अन्य जितने भी मनोरोगी होते हैं, उनको अगर नियमित रूप से इलाज और दवाइयां दी जाए तो वह ठीक हो जाते हैं."

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