मध्य प्रदेश

जहां श्रद्धा नहीं है, वहां विश्वास टिकेगा ही नहीं, गीताभवन में स्वामी भास्करानंद के प्रवचन

Admin Delhi 1
20 Feb 2023 7:16 AM GMT
जहां श्रद्धा नहीं है, वहां विश्वास टिकेगा ही नहीं, गीताभवन में स्वामी भास्करानंद के प्रवचन
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इंदौर न्यूज़: सत्य को धारण करने की शक्ति का नाम श्रद्धा है. श्रद्धा की परिपक्व अवस्था का नाम विश्वास है. शिव और पार्वती की उपासना श्रद्धा और विश्वास की ही उपासना है. सृष्टि का संचालन श्रृद्धा और विश्वास से ही हो रहा है. जहां श्रद्धा नहीं है, वहां विश्वास भी नहीं टिकेगा. जिस तरह भगवान शिव ने हलाहल पीकर समाज की बुराइयों को रोका था, उसी तरह आज भी समाज को एक ऐसे शंकर की जरूरत है, जो ज्वलंत बुराइयों को अपने कंठ में उतार सके.

ये विचार वृंदावन के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी भास्करानंद महाराज के हैं. उन्होंने गीता भवन के सत्संग हॉल में चल रही शिवपुराण कथा के दौरान विभिन्न प्रसंगों की व्याख्या करते हुए कही. कथा शुभारंभ के पूर्व समाजसेवी प्रेमचंद गोयल, दीपचंद गर्ग, किशोर गोयल, राम ऐरन, रामविलास राठी, विनोद गोयल, संजय मंगल, शिव जिंदल ने व्यासपीठ का पूजन किया. कथा में सुबह 9 बजे से अभिषेक पूजन का अनुष्ठान आचार्य के सानिध्य में होगा. स्वामी भास्करानंद ने कहा, भगवान शिव किसी दीन-हीन की करुणा को देख नहीं सकते. उनका स्वभाव अत्यंत दयालु है. परिवार चलाने का तरीका भगवान शिव से सीखना चाहिए.

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