मध्य प्रदेश

कांग्रेस के खिलाफ कर रहे थे प्रदर्शन

Admin4
10 July 2022 12:16 PM GMT
कांग्रेस के खिलाफ कर रहे थे प्रदर्शन
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कांग्रेस के फर्जी संकल्प पत्र के मुद्दे पर रैली निकाल रहे जबलपुर के बीजेवायएम नेता मुश्किल में फंस गए. पुलिस ने 30 नेताओं के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है. सबके खिलाफ धारा 188 लगी. सभी बिना इजाज़त रैली निकाल रहे थे. ग्वारीघाट थाना क्षेत्र में पटवारी की आवेदन पर पुलिस ने धारा 188 के तहत एफ आई आर दर्ज करते हुए कार्रवाई की.

मतदान से ठीक एक दिन पहले जबलपुर में कांग्रेस के नाम से एक संकल्प पत्र शहर में जगह जगह चस्पा किया गया था. इसमें एक समुदाय विशेष के लिए खास घोषणा की गयी थी. संकल्प पत्र सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया था. इससे पूरे शहर और राजनीतिक हल्कों में हड़कंप मच गया था. बाद में कांग्रेस की तरफ से सफाई आयी कि ये किसी की शरारत है. संकल्प पत्र फर्जी है. कांग्रेस ने इसे बीजेपी की साजिश बताया था और एफआईआर के लिए आवेदन दिया था.

इसी मामले ने तूल पकड़ा और देर रात भाजपा युवा मोर्चा के नगर अध्यक्ष समेत कार्यकर्ताओं ने मिलकर इस संकल्प पत्र के विरोध में कांग्रेस को घेरने के लिए एक रैली निकाली. इसे गौ संवर्धन बोर्ड के उपाध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरा नंद ने हरी झंडी दिखाई थी जो ग्वारी घाट स्थित नर्मदा तट में समाप्त हुई. लेकिन यह रैली बिना किसी अनुमति के निकाली गई थी. यही वजह थी कि युवा मोर्चा नगर अध्यक्ष योगेंद्र सिंह ठाकुर सहित रैली में शामिल करीब तीस कार्यकर्ताओं पर पुलिस को वैधानिक कार्रवाई करनी पड़ी. सबके खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया.

युवा मोर्चा की रैली में कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त मध्य प्रदेश गोपालन बोर्ड के उपाध्यक्ष और पशु संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद भी रैली में शामिल होने ग्वारीघाट पहुंचे थे. वहां उन्होंने कांग्रेस के संकल्प पत्र के संबंध में बयानबाजी की थी. बस उसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया. जब यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हुए तो कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें व्हाट्सएप मैसेज कर दिया. राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने अखिलेश्वरानंद गिरि को जो व्हाट्सएप मैसेज भेजा था उसमें लिखा था " यह सब झूठा तमाशा क्यों कर रहे हैं, आप एक सरकारी पोस्ट पर भी हैं. यह सब हम याद रखेंगे. स्वामी अखिलेशरानंद गिरि ने इसे धमकी भरा माना था. फिर क्या था फर्जी संकल्प पत्र से शुरू हुआ विवाद धमकी देने के आरोप तक पहुंच गया था.


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