मध्य प्रदेश

ड्रेनेज लाइन व अन्य कारणों से हो रहा पानी गंदा

Admin Delhi 1
1 Aug 2023 11:45 AM GMT
ड्रेनेज लाइन व अन्य कारणों से हो रहा पानी गंदा
x

इंदौर न्यूज़: शहर में कई जगह पानी की लाइन को ड्रेनेज व गंदे पानी के बीच से गुजरते देखा जा सकता है. आए दिन पानी की लाइन लीकेज हो रही है. कमजोर पानी की लाइन से गंदा पानी सीधे लोगों के घर तक पहुंच रहा है. बारिश में गंदा पानी लोगों की सेहत बिगाड़ रहा है. लाइनों से गंदा पानी मिलने के अलावा भी कई कारण पानी को गंदा कर रहे हैं.

जांच रिपोर्ट ली तो सामने आया कि पिछले 10 दिनों में करीब 40 सैंपल जांचने के लिए उनमें से 15 सैंपल में बैक्टीरिया मिला. शहर का 37.5 प्रतिशत पानी दूषित है. एक्सपर्ट का कहना है कि शहर के लोग इस मामले में कम जागरूक है. समय-समय पर अपने पानी की जांच कर शुद्धता के आवश्यक उपाय करना चाहिए.

बारिश के मौसम में सबसे ज्यादा पानी दूषित होने की स्थिति बनी रहती है. लोगों को इसके लिए खुद ही सतर्क रहना पड़ेगा. ड्रेनेज और पानी की लाइन के अलावा भी वाटर हार्वेस्टिंग के फिल्टर का साफ न होना और बोरिंग के केसिंग पाइप लीकेज होने से नलों और बोरिंग में गंदा पानी आता है. इसके लिए नगर निगम और आम जनता को जागरूक होना चाहिए. - खुजेमा नजमी, भूजल वैज्ञानिक

ड्रेनेज का नर्मदा में मिलना बड़ा कारण

गंदे पानी की आए दिन कई क्षेत्रों से शिकायत आती है. इसका सबसे बड़ा कारण पानी की लाइनें लीकेज होना. इन लीकेज से ड्रेनेज और बारिश का गंदा पानी साफ पानी में मिलता है. लिहाजा लोगों के घरो में गंदा पानी आता है. वाटर प्लस नगर निगम इस स्थिति में सुधार नहीं कर पा रही है क्योंकि आए दिन लाइनों में लीकेज होता रहता है.

शहर में 10 लैब में होती है जांच

बोरिंग की केसिंग कमजोर

शहर में 10 लैब में पानी की जांच होती है. बोरिंग, नल और फिल्टर पानी की शुद्धता जांचने के लिए मशीन का उपयोग होता है. टीडीएस और बैक्टीरिया जांच के लिए अलग-अलग समय लगता है. आधा लीटर पानी का सैंपल लिया जाता है. 3 से 7 दिन में रिपोर्ट आ जाती है.

एक्सपर्ट के अनुसार वाटर हार्वेंस्टिंग में फिल्टर लगा होता है. उसकी सफाई नहीं होने पर गंदा पानी जमीन में जाकर बोरिंग से बाहर आता है. इसी तरह बोरिंग का केसिंग पाइप भी कमजोर हो जाता है. बोरिंग करवाते वक्त क्वालिटी पर ध्यान नहीं देने से ऐसा होता है.

ई कोलाई, साल्मोनेला जैसे बैक्टीरिया मिले

वाटर एक्सपर्ट अमय महाजन ने बताया कि 12 पेथोजन्स यानी रोग जनक बैक्टीरिया होते हैं. ये वैसे ही फंगस होते हैं जो भोजन को खराब करते हैं. पानी में भी इनमें से कई पाए जाते हैं. इंदौर के सैंपल में भी ई कोलाई और साल्मोनेला जैसे घातक बैक्टीरिया पाए गए हैं. गंदे पानी में ये बैक्टीरिया होने से कई तरह की बीमारियां होती है.

Next Story