मध्य प्रदेश

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Shantanu Roy
24 Aug 2022 4:34 PM GMT
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बड़ी खबर
भाेपाल। मध्य प्रदेश में किसी प्रभावी मौसम के सक्रिय नहीं रहने के कारण वर्षा का सिलसिला लगभग थमने लगा है। हालांकि बंगाल की खाड़ी में बने एक चक्रवात के असर से पूर्वी मप्र के रीवा, शहडाेल संभागाें के जिलाें में वर्षा हाेती रहेगी। पश्चिमी मप्र में बादल छंटने लगेंगे एवं धूप निकलेगी। उधर बुधवार काे सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक उज्जैन में 0.4, सतना में 0.2, इंदौर में 0.1 मिलीमीटर वर्षा हुई। मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले दिनाें मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलाें में भारी वर्षा का कारण बना अवदाब का क्षेत्र वर्तमान में कमजाेर पड़कर गहरा कम दबाव का क्षेत्र बनकर उत्तर-पूर्वी राजस्थान पर बना है।
मानसून ट्रफ उत्तर-पूर्वी राजस्थान पर बनी मौसम प्रणाली से हाेकर अजमेर, सतना, सीधी से छत्तीसगढ़ हाेते हुए बंगाल की खाड़ी पर बना हुआ है। वातावरण में नमी धीरे-धीरे कम हाेने लगी है। इससे बादल छंटने लगे हैं और वर्षा की गतिविधियाें में कमी आने लगी है। अभी तीन चार दिन तक मप्र के अधिकतर जिलाें में विशेष वर्षा हाेने की संभावना कम ही है। मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में उत्तर-पूर्वी बंगाल की खाड़ी में हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इस मौसम प्रणाली के असर से पूर्वी मप्र के रीवा, शहडाेल संभागाें के जिलाें में कहीं-कहीं वर्षा हाे रही है। इन संभागाें में गुरुवार से वर्षा की गतिविधियाें में और तेजी आने के भी आसार हैं। बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवात शुक्रवार काे कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित हाे सकता है। इसके बाद पूर्वी मप्र में कहीं-कहीं भारी वर्षा भी हाे सकती है। बता दें कि इस सीजन में बुधवार सुबह साढ़े आठ बजे तक मप्र में कुल 920.9 मिमी. वर्षा हाे चुकी है। जाे सामान्य वर्षा (718.9 मिमी.) की तुलना में 28 प्रतिशत अधिक है।
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