मध्य प्रदेश

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Shantanu Roy
11 July 2022 4:35 PM GMT
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बड़ी खबर

इंदौर। आयकर के स्थायी खाता संख्या (पैन) के बिना बैंक किसी भी तरह का करंट या लोन खाता नहीं खोल सकेंगे। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने बिना पैन नंबर दोनों तरह के खाते नहीं खोलने का निर्देश बैंकों को दिया है। बैंकों ने भी इस पर अमल करते हुए तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी है। फर्जी कंपनियां और फर्म बनाकर आयकर चोरी रोकने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है।

सीबीडीटी ने बीते दिनों एक सर्कुलर जारी कर सभी बैंकों को इस बारे में निर्देश दिए थे। अभी तक बैंकों में खाता खोलने के लिए पैन उपलब्ध करवाने का नियम तो था लेकिन यदि कोई व्यक्ति खुद को आयकरदाता श्रेणी से बाहर बताता तो वह बिना पैन के भी खाता खोल सकता था। बैंक ऐसे व्यक्ति को फार्म 60 और 61 उपलब्ध करवाते थे। फार्म 60 और 61 के प्रारूप में जानकारी उपलब्ध करवाकर वह खाता खुलवा सकता था। सीबीडीटी के ताजा निर्देशों के बाद इन दोनों फार्मों से बिना पैन खाता खोलने देने पर रोक लग गई है।

मुख्यालय से सभी बैंकों को मिले निर्देश
सेंट्रल बैंक आफ इंडिया की मैनेजर अदिति पंवार के अनुसार मुख्यालय से सभी शाखाओं को स्पष्ट निर्देश मिले हैं कि वे बिना पैन के खाता न खोलने दें। कोई व्यक्ति यदि कृषक और कृषि से आय बताता है और उसे भी करंट अकाउंट या लोन अकाउंट खुलवाना है तो उसके लिए भी अब पैन जरूरी कर दिया गया है। इतना ही नहीं ब्रांच स्तर पर अब खाता नंबर के मोबाइल नंबर बदलाव और अन्य जानकारी संशोधन पर भी सख्ती कर दी गई है। खातों की ऐसी किसी भी तरह की जानकारी अब सिर्फ ब्रांच के स्तर से बदली नहीं जा सकेगी।
फर्जीवाड़ा रुकेगा
टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन इंदौर के पूर्व प्रवक्ता और भाजपा व्यावसायिक प्रकोष्ठ के प्रदेश सहसंयोजक सीए स्वप्निल जैन के अनुसार इससे पहले तक हो यह रहा था कि कई लोग अन्य लोगों से आधार कार्ड व अन्य पहचान हासिल कर फर्जी फर्म बना लेते थे। उन फर्मों के नाम से खाते खुलवाकर लेन-देन होता। जीएसटी और आयकर चोरी होती और बाद में खाते बंद कर ऐसे लोग गायब हो जाते थे। टैक्स चोरी तो होती ही। जांच एजेंसियां भी ऐसे लोगों को नहीं पकड़ पाती थी। अब पैन करंट खातों से जुड़ने से यह होगा कि तुरंत ही आयकर को हर खाते के लेन-देन की जानकारी पहुंच जाएगी। किसी के फर्जी दस्तावेजों का उपयोग किया है तो उसे भी आयकर पोर्टल से तुरंत सूचना मिल जाएगी। इससे न केवल फर्जीवाड़ा रुकेगा बल्कि कर चोरी पर भी अंकुश लग सकेगा।
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