मध्य प्रदेश

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Shantanu Roy
9 July 2022 4:35 PM GMT
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उज्जैन। केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को इस्पात मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार मिलने से उज्जैन में बहुप्रतिक्षित बांदका स्टील प्लांट के धरातल पर आकार लेने की एक नई उम्मीद जगी है। जानकारों का कहना है कि बांदका स्टील प्लांट डालने को जमीन पर पानी पहुंचने में 13 साल लग गए। स्ट्रक्चर तो अभी भी खड़ा नहीं हुआ है। वर्षों से वीएसएल और सेल (स्टील अथारिटी आफ इंडिया लिमिटेड) के बीच कच्चे-पक्के माल की उपलब्धता का विवाद चल रहा है। सिंधिया अगर प्रकरण में हस्तक्षेप करेंगे तो निश्चित ही उज्जैन को एक बड़ा उद्योग मिल सकेगा।

मालूम हो कि औद्योगिक विकास की द्ष्टि से 15 मार्च 2009 को तत्कालीन इस्पात मंत्री रामविलास पासवान और मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने उज्जैन शहर से 16 किलोमीटर दूर जिले की घट्टिया तहसील में बांदका स्टील प्लांट का भूमिपूजन किया था। कहा गया था कि सेल और वीएसएनएल के माध्यम से 18 माह में यानी 2010 तक प्लांट स्थापित कर संचालन शुरू कर दिया जाएगा। ये प्लांट उज्जैन के औद्योगिक विकास में मिल का पत्थर साबित होगा। 33.78 एकड़ जमीन पर प्लांट स्थापित करने में 200 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

यहां 8 और 11 एमएम के सरिये बनाए जाएंगे। मगर समय रहते बुनियादी सुविधाएं मुहैया न होने, वीएसएनएल और सेल के बीच कच्चे- पक्के माल की उपलब्धता को लेकर विवाद खड़ा होने से प्रोजेक्ट धीमा पड़ गया। स्थिति यह बनी कि पानी पहुंचने में ही 13 साल लग गए। कुछ समय बाद प्रोजेक्ट उद्योग विभाग से छीनकर औद्योगिक केंद्र एवं विकास निगम के हाथ चला गया। अभी यहां चि-ति जमीन पर प्लांट का निर्माण प्लिंथ लेवल तक होकर रूका पड़ा है। लेतलाली के कारण प्रोजेक्ट की लागत चार गुना हो गई है।
तत्कालीन सांसद प्रेमचंद गुड्डू का नवंबर 2011 में दावा था कि 2012 तक स्टील प्लांट का निर्माण हो जाएगा। बाद में सांसद चिंतामणि मालवीय ने प्लांट शुरू कराने के प्रयास किए मगर प्रयास असफल रहा। मौजूदा सांसद अनिल फिरोजिया के प्रयास भी रंग नहीं लाए। जबकि पिछले लोकसभा, विधानसभा और पंचायत चुनावों में ये प्लांट शुरू कराने की घोषणाएं होती रहीं। जानकारों का कहना है कि आगर रोड से स्वीकृत बांदका स्टील प्लांट की जमीन तक जाने के लिए अभी पक्का रोड भी नहीं बना है।
मंत्री को लिखा प्लांट शुरू करने को पत्र
यहां की संस्था सरल काव्यांजलि के अध्यक्ष संतोष सुपेकर ने इस्पात मंत्री को सिंधिया को पत्र लिखा है। पत्र के माध्यम से बांदका प्लांट जल्द शुरू कराने की मांग की है। लिखा है कि ऐसा ही प्लांट ग्वालियर के लिए भी स्वीकृत हुआ था जो कब का पूर्ण हेकर उत्पादन कर रहा है।
इनका कहना
बांदका स्टील केंद्र सरकार शुरू करा सकती है। मामले में कई बार मप्र सरकार का ध्यान आकर्षित कराया मगर प्लांट का काम आगे न बढ़ा। एप्रोच रोड का निर्माण भी अधूरा है।
रामलाल मालवीय, विधायक, घट्टिया
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