मध्य प्रदेश

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Shantanu Roy
25 Jun 2022 4:33 PM GMT
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शिवपुरी। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पहले चरण में शनिवार को खनियांधाना और बदरवास में मतदान हुआ। सुबह से ही लोगों में मतदान के लिए उत्साह था। स्थिति यह रही कि कई जगहों पर तीन बजे मतदान का समय पूरा होने के बाद भी देर शाम 7 बजे तक मतदान चलता रहा। मतदान के दौरान कहीं भी कोई हिंसक झड़प या फिर गड़बड़ी की सूचना नहीं आई और दिनभर शांतिपूर्ण तरीके से मतदान चला। मतदान तो शांतिपूर्ण हो गया, लेकिन शाम को जैसे ही मतगणना का समय आया तो खनियांधाना में कई जगहों पर स्थिति तनावपूर्ण बन गई।

यहां प्रशासन की व्यवस्थाओं की पोल भी खुल गई। पर्याप्त फोर्स का दावा करने वाला पुलिस विभाग पर्याप्त मात्र में सिपाही भी उपलब्ध नहीं करा पाया। मतगणना के समय विवाद की स्थिति बनने लगी। चुनाव संपन्ना कराने के लिए गए पीठासीन अधिकारियों के पास पर्याप्त फोर्स उपलब्ध नहीं था। इसके चलते खनियांधाना के कई केंद्रों से मतदान दल मतदान कराने के बाद बिना मतगणना कराए ही वापस खनियांधाना मुख्यालय लौट आए। मतदान केंद्र पर मतगणना के समय विवाद की स्थिति बनने लगी थी। सुरक्षा के नाम पर दलों के पास एक-दो सिपाही और कोटवार ही थे। ऐसे में सुरक्षा के लिए डरे-सहमे पीठासीन अधिकारी खनियांधना वापस लौट आए। जब वे लोग वापस लौटे तो रिटर्निंग अधिकारियों ने वापस मतदान केंद्र पर जाने के आदेश दे दिए। रात 9 बजे तक कोई भी पीठासीन अधिकारी वापस नहीं लौटा और वे सुरक्षा मुहैया कराने की मांग पर अड़े रहे। वहीं अधिकारियों ने दो टूक कह दिया कि मतगणना तो केंद्र पर ही कराना होगी। विवाद की स्थिति बनते देख रात में कलेक्टर-एसपी भी वहां मौके पर पहुंचे।

मतदान केंद्र और खनियांधाना के बीच झूलती रही पेटियां, पारदर्शिता पर उठे सवाल
नियमानुसार मतगणना मतदान केंद्र पर ही होना थी, लेकिन कई पीठासीन अधिकारी खनियांधाना पहुंचे और पेटियां जमा करा दीं। इसके लिए बकायदा उन्होंने रसीद भी ले ली। खबर लिखे जाने तक स्थिति ही स्पष्ट नहीं हो पाई थी कि मतगणना केंद्र पर होगी या पेटियां जमा होंगी। तहसीलदार सुधाकर तिवारी से इस बारे में बात की गई तो उनका कहना था कि सभी पेटियां वापस भेजी जा रही हैं। मतदान केंद्र खनियांधाना मुख्यालय से 40 किमी दूर तक स्थित हैं। ऐसे में मतदान पेटियां बिना सही सुरक्षा के इधर से उधर हो रही हैं और इसके चलते चुनाव की पारदर्शिता भी कठघरे में आ रही है।
इन जगहों पर आई परेशानी, पीओ बोले- बिना सुरक्षा नहीं जाएंगे
बिलावन मतदान क्रमांक 210 के पीठासीध अधिकारी ने बताया कि जब मतगणना कर रहे थे तो एक साथ 7-8 लोग आ जाते थे और कहते थे कि पहले हमारे बताए पोलिंग बूथ की मतगणना करो। यह लोग प्रत्याशी द्वारा भी अधिकृत नहीं थे। इसके बाद 20-25 लोग एक साथ आ गए। हमारे साथ सिर्फ एक सिपाही था। हमें भय लगा तो हमें लगा कि यहां पर सुरक्षित नहीं है इसलिए लौटकर आ गए। वहीं लहर्रा पंचायत के पीओ ने बताया कि मतदान के दौरान ही फर्जी मत को लेकर दो लोगों में झगड़ा हो गया था। जैसे-तैसे मतदान कराया, लेकिन विवाद बढ़ रहा था इसलिए मौके पर मतगणना नहीं करा सकते थे। सेक्टर मजिस्ट्रेट को भी इसकी सूचना दे दी थी। वहीं घटवरा पंचायत में मतदान के लिए गए आरसी शाक्य ने कहा कि वहां पर शाम को ही झगड़ा हो गया था। गार्ड से तक गांव वाले कह रहे थे कि तू केंद्र से बाहर निकल फिर तुझे देखते हैं। बार-बार धमकी मिल रही थी इसलिए लौट आए।
यहां भी बनी विवाद की स्थिति
- नदनवारा में मतगणना के दौरान दो पेटी खुल चकी थीं, लेकिन पीठसीन अधिकारी ने तीसरी पोलिंग कुंदौली की पेटी खोलने से मना कर दिया। बताया जा रहा है कि एक पक्ष उनका सजातीय था और वह शुरुआती दो पोलिंग पर हार गया था। तीसरा पोलिंग विरोधी पक्ष के बाहुल्य का था इसलिए मतपेटी नहीं खोली गई।
- गणेशखेड़ा का प्रत्याशी का देवर हुकुम सिंह आपत्ति लगा रहा था कि यहां पर पेटी न खोली जाए। दूसरे पक्ष के लोग बड़ी संख्या में जमा हो गए थे और सुरक्षा के लिए महज एक ही पुलिसकर्मी मौजूद था।
- मनका में मतगणना के पहले विवाद हो गया। पीठसीन अधिकारी को एक उम्मीदवार के समर्थकों ने धमकी दी तो वे भी मतगणना कराए बिना लौट आए।
महिला मतदाताओं की संख्या रही अधिक
खनियांधाना ब्लाक में चार जिला पंचायत सदस्य, 25 जनपद सदस्य, 1620 पंच पद और 101 सरपंच पदों के लिए मतदान हो रहा है। जबकि बदरवास ब्लाक में तीन जिला पंचायत सदस्य, 25 जनपद सदस्य, 1086 पंच पद और 67 सरपंच पदों को लिए मतदान हुआ। खनियांधाना जनपद में 100 ग्राम पंचायत के लिए 300 मतदान केंद्रों पर मतदान किया गया जिसमें 14 संवेदनशील मतदान केन्द्र सहित 65 मतदान केन्द्रों को अतिसंवेदनशील घोषित किया गया था। बदरवास ब्लाक में 63 ग्राम पंचायतों में 209 मतदान केन्द्र बनाए गए थे। इनमें 101 संवेदनशील मतदान केंद्र घोषित किए गए थे। दोपहर 3 बजे तक बदरवास में 77.28 और खनियांधाना में 70.33 प्रतिशत मतदान किया गया। इसमें महिला मतदाताओं की संख्या अधिक रही।
बदरवास में शांतिपूर्ण रहा मतदान, डेढ़ दर्जन पंचायतों के परिणाम भी आए
बदरवास में मतदान और मतगणना दोनों ही शांतिपूर्ण तरीके से हुए। यहां कहीं भी विवाद की स्थिति नहीं बनी। बदरवास में मांगरोल पंचायत से धन्नाू परिहार, बड़ोखरा से सरोज बाई गुलाब सिंह धाकड़, रिजौदी से भूरिया जाटव, चितारा से धनकूवर ब्रजभान सिंह यादव, मडवासा से प्रीति क्रशपाल यादव, एजवारा से कृष्णप्रताप यादव, सुनाज से कल्लो अमर सिंह यादव, तिलातिली से सुखवती जाटव, बूडाढोगर भानू यादव, सालोंन से महेंद्र गुर्जर, सडबूड से बुंदेल सिंह, तरावली से शीला बाई, विजरोनी से रामचरण जाटव, मथना से सुरेश बेड़ियां, अगरा लीला बाई, चंदोरिया से कृपान सिंह यादव, बरखेड़ा तोरण घाकड़ गोलू, अटलपुर से जगदीश घाकड़, बामोर पंचायत से भारत सिंह यादव, मुडेरी पंचायत से दुलेल सिंह भील, वरोदिया से कृपान सिंह, धामनटूक विमला आदिवासी आदि विजय हुए।
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