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44 देशों का किया भ्रमण, पांच साल की बच्ची ने इंडिया बुक आफ रिकार्ड में दर्ज कराया नाम

न्यूज़क्रेडिट; अमरउजाला
जिस उम्र में बच्चे सही तरीके से चल और बोल नहीं पाते है उस उम्र में ग्वालियर की एक नन्ही परी ने अनोखा रिकॉर्ड बना लिया है।ग्वालियर की रहने वाली नन्ही परी परिया खान ने महज 5 साल की उम्र में पूरी दुनिया घूम डाली।इसको लेकर नन्ही परिजा खान को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड 2022 के अवार्ड से नवाजा गया है।यह नन्ही परी 44 देश और 110 अंतरराष्ट्रीय शहरों की यात्रा कर चुकी है।इसके साथ ही भूमध्य रेखा, मध्य रेखा और अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा याम्योत्तर को पार कर चुकी है।
कहते हैं नन्ही उम्र सिर्फ खेल खेलने और सीखने के लिए होती है लेकिन इस नन्ही उम्र में कई ऐसे नन्हे बच्चे होते हैं जो कुछ अलग कर गुजरते हैं।ऐसा ही कर दिखाया है ग्वालियर की रहने वाली परिजा खान ने... ग्वालियर शहर की डीवी सिटी में रहने वाले शाहिद रजा खान मर्चेंट नेवी में कैप्टन है और कैप्टन शाहिद रजा की 5 साल की बेटी परिजा है।इस नन्ही परिजा का जन्म 16 नवंबर 2016 को हुआ था। और जन्म के 1 साल बाद यह परिजा खान अपने माता-पिता के साथ दुनिया की सैर करने के लिए उड़ान भरने लगी।
सबसे पहले महज एक साल की उम्र में अपने माता पिता के साथ परेशानी समुद्री यात्रा की और यात्रा दुबई से भारत की थी। मर्चेंट नेवी में कैप्टन शाहिद रजा खान ने बताया कि महज 1 साल की उम्र मैं उन्होंने अपनी बेटी परिजा को यात्राएं कराना शुरू कर दिया।परिजा के पिता ने बताया कि वह मर्चेंट नेवी है और लगातार उनके ट्रांसफर होते रहते हैं इस दौरान वह अपनी बेटी को भी साथ में यात्राएं करते रहे। इस जन्म 3 साल में परिजा ने 44 देश और 110 अंतरराष्ट्रीय शहरों की यात्रा कर ली है।
उन्होंने बताया किस समुंद्र यात्रा के साथ-साथ महासागर जिसमें अटलांटिक महासागर, प्रशांत महासागर, भूमध्य सागर, हिंदू महासागर, ताइवान सागर, पनामा नहर को पार किया। जब नन्ही परी परिजा के पिता शाहिद खान ने इसकी जानकारी अपने विभाग और मित्रों को दी तो उसके बाद पिता ने इस नन्ही परी की उपलब्धि को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज कराने के लिए आवेदन किया।
उसके बाद इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड की अधिकारी इसकी जांच पड़ताल की और उसके बाद इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड के अधिकारियों ने नन्ही परी परिजा को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड का खिताब दिया।
कैप्टन शाहिद खान बताया कि उसका पूरा परिवार भारतीय नौसेना में है और उसकी पिता भी भारतीय नौसेना में 15 साल नौकरी करने के बाद सेवानिवृत्त हो चुके हैं इसलिए उन्होंने इच्छा जाहिर की है जो अपनी बेटी को भी भारतीय नौसेना में भेजेंगे ताकि वह देश की रक्षा कर सकें।
