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भोपाल: संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधिमंडल ने मध्यप्रदेश की तारिफ की है। प्रतिनिधियों ने मध्यप्रदेश के आतिथ्य और राज्य में टिकाऊ, महिलाओं के लिए सुरक्षित पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश न केवल अन्य राज्यों के लिए बल्कि अन्य देशों के लिए भी एक अविश्वसनीय उदाहरण है।
संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधियों ने मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड के कार्यालय में पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव और बोर्ड के प्रबंध संचालक शिव शेखर शुक्ला से मुलाकात भी की। प्रतिनिधियों में यूनाइटेड नेशन रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर शोम्बी शार्प, यूनिसेफ मध्यप्रदेश की राज्य प्रतिनिधि मार्गरेट ग्वाडा, चीफ ऑफ स्टाफ रेजिडेंट कॉ-ऑर्डिनेटर ऑफिस राधिका कौर बत्रा एवं संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपी) के राज्य प्रभारी सुनील जैकब शामिल थे।
महिला सुरक्षा को लेकर दी जानकारी
प्रतिनिधियों से बात करते हुए प्रमुख सचिव शुक्ला ने बताया, टूरिज्म बोर्ड द्वारा महिलाओं की सुरक्षा में सुधार और एकल महिला यात्रियों को राज्य में आने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए महिलाओं के लिए सुरक्षित पर्यटन स्थल परियोजना पर लगातार काम किया जा रहा है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म मिशन (आरटीएम) के तहत 10 हजार महिलाओं को पहले से ही आतिथ्य और पर्यटन उद्योग में फ्रंटलाइन कार्यकर्ता बनने के लिए कुशल बनाया जा रहा है। वर्तमान में 40 हजार महिलाओं को आत्मरक्षा के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। एमपी पहले से ही सांची, भीमबेटका और खजुराहो सहित 3 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों का घर है और इसके अलावा 4 और स्थलों ओरछा, मांडू, भेड़ाघाट एवं सतपुड़ा टाइगर रिजर्व को अस्थायी रूप से यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों में सूचीबद्ध किया गया है। ग्वालियर को रचनात्मक शहरों के नेटवर्क के तहत चुना गया है।