मध्य प्रदेश

जल संकट से आई अनोखी मुसीबत, पानी की कमी देखकर लड़की वाले नहीं कर रहे शादी

Ritisha Jaiswal
4 Jun 2022 3:28 PM GMT
जल संकट से आई अनोखी मुसीबत, पानी की कमी देखकर लड़की वाले नहीं कर रहे शादी
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मध्य प्रदेश में जलसंकट की खबरें अब आम हो गई हैं। ग्वालियर शहर के भी लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं।

मध्य प्रदेश में जलसंकट की खबरें अब आम हो गई हैं। ग्वालियर शहर के भी लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं। शहर के कुछ इलाकों में लोग पानी के साथ-साथ एक सामाजिक समस्या से भी जूझ रहे हैं। उनका कहना है कि पानी की कमी के चलते लोग हमारे घरों में अपनी बेटी नहीं दे रहे हैं और ना ही शादी-विवाह के रिश्ते आ रहे हैं।

ये समस्या ग्वालियर स्मार्ट सिटी के आदित्यपुरम क्षेत्र के पटेल नगर इलाके में रहने वाले लोगों ने बताई है। रहवासियों ने बताया कि पानी बहुत बड़ी समस्या बन रही है। परिवार का एक सदस्य सिर्फ पानी जुटाने में ही लग रहा है। यहां अमृत योजना के तहत पाइप लाइन तो डाली गई, लेकिन उसके कनेक्शन नहीं किए गए हैं। लोगों का कहना है कि 15 दिन में एक बार सरकारी टैंकर आता है। उससे उस दिन के लिए तो पानी स्टोर हो जाता है। बाद में परेशान होना पड़ता है।
क्षेत्र की महिलाओं ने बताया कि जल संकट के कारण नई समस्या पैदा हो गई है। जब लोग यहां रिश्ते के लिए आते हैं तो शादी के लिए मना कर देते हैं, क्योंकि यहां मोहल्ले में ज्यादातर लोग बाल्टी लेकर पानी की तलाश में घूमते हुए नजर आते हैं। कोई लड़की वाला यह कहकर रिश्ता टाल देता है कि हम दहेज भी देंगे और हमारी बेटी यहां आकर पानी भरे, इससे अच्छा है कि हम अपनी बेटी का रिश्ता कहीं गांव में ही कर दें।
लोगों ने बताया कि निजी टैंकर के लिए 600 से 700 रुपये चुकाने पड़ते हैं। घर की महिलाएं भी टैंकर आने पर बाहर ड्रम में पानी भरती हैं। उसके बाद बाल्टियों के माध्यम से ऊपर टंकी में भरना पड़ता है। उनका कहना है कि जिस दिन पानी आता है उस दिन सारा दिन पानी में ही गुजर जाता है। अधिकारी और जनप्रतिनिधियों से पानी की समस्या को लेकर कई बार मुलाकात की, लेकिन हर बार उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिला है। अफसरों ने अमृत की योजना से पाइप लाइन को जोड़ने और क्षेत्र की पानी की समस्या के समाधान के लिए गंभीर प्रयास करने का आश्वासन दिया है।
ग्वालियर शहर में हर साल गर्मियों में यही समस्या देखने को मिलती है। 700 करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद भी लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है और अब इसको लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। कांग्रेस का आरोप है कि शिवराज सरकार और यहां के दिग्गज मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर पानी लाने के लिए कई सालों से लोगों को गुमराह कर रहे हैं, लेकिन हालात यह है कि शहर को पानी अभी तक नहीं मिल पाया है। चंबल प्रोजेक्ट अभी भी अधर में लटका है वहां से पानी लाने की कवायद सिर्फ कागजों तक सिमटकर रह गई है।
पानी की समस्या को लेकर नगर निगम कमिश्नर किशोर कन्याल ने बताया है कि मामला संज्ञान में आया है तुरंत पानी की समस्या को दूर किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने तत्काल अधिकारियों को निर्देशित कर पानी की समस्या को दूर करने के निर्देश दे दिए हैं।


Ritisha Jaiswal

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