मध्य प्रदेश

गोवर्धन पूजा पर अनोखी परंपरा, गोबर पर रखकर किया जाता है इलाज

jantaserishta.com
6 Nov 2021 7:19 AM GMT
गोवर्धन पूजा पर अनोखी परंपरा, गोबर पर रखकर किया जाता है इलाज
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कई बार यह परंपराएं लोगों के लिए हैरानी का विषय बन जाती हैं.

भोपाल: पर्व और त्योहारों पर देशभर के अलग-अलग हिस्सों में विभिन्न परंपराएं निभाई जाती हैं। कई बार यह परंपराएं लोगों के लिए हैरानी का विषय बन जाती हैं। ऐसी ही एक परंपरा गोवधर्न पूजा के लिए मध्य प्रदेश के बैतूल में निभाई जाती है। इस दिन चर्म रोग से पीड़ित बच्चों को गोवर्धन पर्वत पर लिटाकर अनोखे ढंग से इलाज किया जाता है। मान्यता है कि चर्म रोगी बच्चों को इस तरह गोबर से बनाए गए गोवर्धन पर्वत पर लिटाने से उनकी बीमारी ठीक हो जाती है।

हिंदू धार्मिक मान्यताओं में कई अनोखी तौर-तरीके होते हैं जिन्हें बीमारियों के इलाज से भी जोड़ दिया गया है। कुछ इसी तरह की एक मान्यता बैतूल जिले में गोवर्धन पूजा में भी सामने आई है। यहां ग्वाला और यादव समाज के लोगों द्वारा गोवर्धन पूजा के लिए गोबर से बनाए जाने वाले गोवर्धन पर्वत पर छोटी उम्र के चर्म रोग से परेशान बच्चों को लिटाकर इलाज करने से जोड़ दिया गया है। माना जाता है कि इस तरह चर्म रोगी बच्चों को गोवर्धन पर्वत पर लिटाने से उनकी बीमारी ठीक हो जाती है।
बैतलू में करीब आधा दर्जन स्थानों पर ग्वाल व यादव समाज द्वारा ऐसे आयोजन किए जाते हैं। ग्वाल समाज के उपाध्यक्ष कैलाश यादव ने बताया कि टिकारी स्थित कृष्णपुरा के बजरंग मंदिर, गोला ग्राउंड के यादव मंगल भवन और सदर सहित कुछ अन्य स्थानों पर ऐसे आयोजन किए जाते हैं। उन्होंने बताया कि इन स्थानों पर छह-सात साल तक के उन बच्चों को गोबर के गोवर्धन पर्वत पर लिटाया जाता है जिन्हें कोई चर्म रोग होता है।
वहीं, भोपाल के जाने-माने चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. अनुराग तिवारी का कहना है कि इस तरह की मान्यताओं को पूर्वजों द्वारा लॉजिक के साथ शुरू किया गया था। डॉ. तिवारी ने कहा कि इस तरह की मान्यताओं में सावधानी भी बरती जाना चाहिए क्योंकि अगर किसी बच्चे के शरीर की चमड़ी कटी-फटी है या चोट लगी हो तो उन बच्चों को इस तरह गोबर से बनाए गए गोवर्धन पर्वत पर नहीं लिटाएं, अन्यथा बीमारी ठीक होने की जगह बढ़ भी सकती है। इसलिए सावधानी जरूर बरतें।

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