मध्य प्रदेश

Ujjain: 12 अक्टूबर को मंदिर के सभा मंडप में पूजन-अर्चन के बाद निकलेगी सवारी

Tara Tandi
9 Oct 2024 9:16 AM GMT
Ujjain: 12 अक्टूबर को मंदिर के सभा मंडप में पूजन-अर्चन के बाद निकलेगी सवारी
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Ujjain उज्जैन: विजया दशमी पर्व के अवसर पर 12 अक्तूबर शनिवार को शाम चार बजे श्री महाकालेश्वर मंदिर से बाबा महाकाल की सवारी नए शहर में भ्रमण के लिए आएगी। चांदी की पालकी में भगवान महाकाल विराजित होकर विभिन्न मार्गों से होकर दशहरा मैदान पहुंचेंगे। यहां पर शमी पूजन के बाद सवारी वापस महाकाल मंदिर लौट जाएगी। दशहरा पर्व पर वर्ष में एक बार शाम को 4 बजे राजाधिराज श्री महाकाल नए शहर में भी प्रजा को दर्शन देने के लिए चांदी की पालकी में
सवार होकर आते है।
12 अक्तूबर को मंदिर के सभा मंडप में पूजन-अर्चन के बाद सवारी दशहरा मैदान के लिए रवाना होगी। मंदिर परिसर के बाहर सशस्त्र पुलिस बल के जवान राजाधिराज महाकाल को सलामी देगें। सवारी के साथ पुलिस बैंड, पुलिस घुड़सवार दल, सशस्त्र पुलिस के जवान, मंदिर के पंडे-पुजारी, अधिकारी-कर्मचारी व भक्त रहेंगे। हालांकि इस बार संभव है कि राजसी स्वरूप में सवारी निकालने के लिए चुनिंदा भजन मंडलियों को भी शामिल किया जाए। सवारी शहर के विभिन्न मार्गों से होकर दशहरा मैदान पहुंचेगी।
यहां पर रावण दहन के पूर्व दशहरा मैदान पर बाबा महाकाल का विधि-विधान से पूजन के बाद शमी वृक्ष का पूजन होगा। इसके बाद सवारी पुन: मंदिर के लिए रवाना हो जाएगी। दशहरा मैदान पर पूजन की व्यवस्था मंदिर समिति द्वारा ही की जाती है। श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पं. महेश पुजारी ने बताया कि भगवान महाकाल उज्जैन नगरी के राजा हैं। राजा होने के नाते जितने भी पर्व-त्योहार होते है, उसमें राजा की उपस्थिति अनिवार्य होती है। जिस तरह से श्रावण मास, कार्तिक मास में पुराने शहर में सवारी के रूप में भगवान की उपस्थिति नगर में देखते हैं। इसी तरह विजय दशमी पर्व दशहरा पर भी भगवान महाकाल की उपस्थिति नगर में रहती है। पहले उज्जैन का राज्य ग्वालियर राजघराने से चलता था। दशहरा पर्व पर जब भी शमी पूजा और शस्त्र पूजा होती थी, उसमें ग्वालियर के राजा आते थे। लेकिन भगवान महाकाल अवंतिका के राजा हैं। इसलिए उन्हें आमंत्रित किया जाता था।
इन मार्गों से निकलेगी सवारी
श्री महाकालेश्वर मंदिर से शुरू होकर सवारी महाकाल घाटी, पटनी बाजार, गोपाल मंदिर, छोटा सराफा, सती गेट, कंठाल, नई सड़क, दौलतगंज, मालीपुरा होती हुई देवास गेट, चामुंडा माता चौराहा से ओवर ब्रिज होते हुए, फ्रीगंज टावर चौक, माधव नगर चिकित्सालय के सामने पुलिस कंट्रोल रूम होकर दशहरा मैदान पहुंचेगी। यहां पर पूजन के बाद सवारी वापसी में कंट्रोल रूम के सामने से घास मंडी चौराहा, शहीद पार्क, टावर चौक फ्रीगंज ओवर ब्रिज से संख्या राजे धर्मशाला, देवास गेट, दौलतगंज, तोपखाना से महाकाल घाटी होकर वापस मंदिर पहुंचेगी।
महाकाल मंदिर के शिखर पर चढ़ेगी नई ध्वजा
विजयादशमी पर श्री महाकालेश्वर मंदिर के शिखर पर ध्वजा बदली जाएगी। प्रतिवर्ष दशहरा के अवसर पर मंदिर परिसर में स्थित श्री पंचायती महा निवार्णी अखाड़ा द्वारा ध्वजा का पूजन कर शिखर पर ध्वजा बदली जाती है। तहसील कार्यालय नई ध्वजा, रस्सी, बांस, पूजन सामग्री व दक्षिणा उपलब्ध कराता है। दशहरा पर्व पर सुबह 7 बजे आरती के बाद नई ध्वजा का पूजन कर शिखर पर फहराई जाती है।
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