मध्य प्रदेश

उज्जैन : ग्रह पीड़ा मुक्ति के लिए पहले हुआ हवन, नकारात्मकता के पांच विकारों का दहन

Tara Tandi
26 March 2024 2:23 PM GMT
उज्जैन  : ग्रह पीड़ा मुक्ति के लिए पहले हुआ हवन, नकारात्मकता के पांच विकारों का दहन
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उज्जैन ; धार्मिक नगरी उज्जैन में होली पर्व पर होलिका का तो कई स्थानों पर दहन हुआ। लेकिन त्रिवेणी स्थित नवग्रह मंदिर पर ग्रह पीड़ा की मुक्ति के लिए नकारात्मकता के पांच विकारों का दहन होली के साथ किया गया।
इंदौर के आध्यात्मिक गुरु कृष्णा गुरु ने बताया कि प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी त्रिवेणी स्थित शनि नवग्रह मंदिर में होलिका दहन विकार, मुक्ति ग्रह पीड़ा और मुक्ति के संकल्प के साथ हुआ। कृष्णा गुरुजी के सानिध्य में सर्वप्रथम सूर्यास्त के पहले सभी ग्रहों का ध्वज पूजन हुआ, जिसके बाद ध्वजारोहण के बाद नवग्रह हवन हुआ। इसमें सभी लोगों ने हिस्सा लिया एवं अपने ग्रहों की पीड़ा, विकार मुक्ति के संकल्प भी लिया गया। इस दौरान शनि मंदिर प्रशासक शैलेंद्र त्रिवेदी, प्रशांत बैरागी के साथ उज्जैन, इंदौर, भोपाल से बड़ी संख्या में श्रद्धालु नवग्रह हवन एवं होलिका दहन में शामिल हुए।
काम, क्रोध और लोभ मुक्ति के संकल्प के साथ जलाई होली
भद्रा के पूंछ काल में होलिका दहन शनि नवग्रह त्रिवेणी पर किया गया, जिससे नियत दिवस का संदेश दिया गया। कृष्णा गुरुजी ने बताया कि अबकी बार होलिका दहन पर भद्रा काल का साया रहा, जो अशुभ माना जाता है। कृष्णा गुरुजी ने कहा, भद्रा स्वयं सूर्य पुत्री है एवं शनि देव की सगी बहन है। पिता-पुत्र की उपस्थिति में होली जलाई गई। कृष्णा गुरुजी ने बताया कि होली उत्सव में हम नियत दिवस के रूप में मनाते हैं। होलिका की नियत खराब थी, इसलिए दिव्य शक्ति का वरदान भी काम नहीं आया। प्रह्लाद एक नेक नियत के साथ था ही हर जगह भगवान हैं। उसकी नियत अच्छी होने से कोई बुरी शक्ति भी काम नहीं कर पाई।
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